भजनलाल सरकार के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (फोटो- सोशल मीडिया)
Rajasthan Politics News: राजस्थान में 1 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है। भजनलाल सरकार के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि जो डोटासरा बीजेपी पर ‘पर्ची की सरकार’ होने का आरोप लगाते हैं, असल में अब उनकी खुद की ‘पर्ची बदलने वाली है’। इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, जिससे आगामी सत्र के हंगामेदार रहने के आसार बढ़ गए हैं।
विधानसभा सत्र को लेकर भजनलाल सरकार पूरी तरह से तैयारी में जुटी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधायकों को विपक्ष के हंगामे के लिए तैयार रहने और योजनाबद्ध तरीके से सदन में अपनी बात रखने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में 31 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है। सत्र सुचारू रूप से चले, इसके लिए 28 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक भी आयोजित होगी, जिसमें सभी दलों से सहयोग की अपील की जाएगी। सत्र का एजेंडा 1 सितंबर को होने वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय होगा।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने गोविंद सिंह डोटासरा के ‘पर्ची बदलने’ वाले बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि असलियत यह है कि कांग्रेस में अब उनकी ही पर्ची बदलने का समय आ गया है। पटेल ने दावा किया कि डोटासरा को उनकी ही पार्टी में लगातार किनारे किया जा रहा है, और इसी वजह से वह ऐसे बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी और कांग्रेस के बीच ‘पर्ची’ को लेकर जुबानी जंग हुई है, लेकिन विधानसभा सत्र से ठीक पहले इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: इतने सालों तक चलने वाली है BJP सरकार, शाह के मास्टरप्लान का पर्दाफाश; राहुल बोले- मैं झूठ नहीं बोलता
जोगाराम पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को भी तथ्यहीन और निराधार बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने किसानों के मुद्दे पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि प्रदेश में डीएपी खाद का कोई संकट नहीं है और केंद्र सरकार से भी पूरा सहयोग मिल रहा है। पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए सभी सांसदों, मंत्रियों और विधायकों के साथ महामंथन किया है, ताकि सभी के सुझावों से प्रदेश में विकास की गति को और तेज किया जा सके। सरकार इस सत्र में मुख्य रूप से विधायी कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।