राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा (सोर्स - सोशल मीडिया)
जयपुर: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह धमकी किसी और जगह से नहीं, बल्कि जयपुर की सेंट्रल जेल से आई। पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली, तो तुरंत कार्रवाई करते हुए जेल में छापेमारी की गई, जहां तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया और उनके पास से मोबाइल फोन बरामद किए गए। डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि जेलों में हाईटेक जैमर लगाए जाएंगे, ताकि इस तरह के अपराध दोबारा न हों। इस घटना के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस घटना के बाद जयपुर पुलिस और जेल प्रशासन चौकन्ना हो गया है। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ के अनुसार, कॉल की लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि धमकी जेल से दी गई थी। इसके तुरंत बाद पुलिस टीम ने सेंट्रल जेल में छापा मारा और संदिग्धों को पकड़ा। वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जब एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि को ही जेल से धमकी दी जा रही है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा?
राजस्थान के डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निचले स्तर पर सुरक्षा खामियों के कारण मोबाइल और सिम कार्ड जेल के अंदर पहुंच रहे हैं। अब सरकार ने जेलों में हाईटेक जैमर लगाने का फैसला किया है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
राजस्थान की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
डिप्टी सीएम को मिली धमकी के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश की जेलों में कैदियों के पास मोबाइल पहुंच रहे हैं और वहां से नेताओं को धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर सरकार अपने ही उपमुख्यमंत्री की सुरक्षा नहीं सुनिश्चित कर पा रही है, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है? कांग्रेस ने इस मामले की गहराई से जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।