शस्त्र पूजन करते बीएसएफ जवान (फोटो: IANS)
Jaisalmer BSF Dussehra: विजयादशमी के अवसर पर भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ की तोपखाना रेजिमेंट ने विधि-विधान से शस्त्र पूजन कर सुरक्षा बलों की तैयारियों और देशभक्ति का संदेश दिया। साथ ही दुश्मन को कड़ा संदेश दिया कि सुरक्षा बल देश की सीमा पर हर चुनौती से मुकाबला करने के लिए तैयार है।
यह आयोजन न केवल भारतीय परंपरा का हिस्सा है, बल्कि सीमा पर जवानों की सतर्कता और दुश्मन को कड़ा संदेश देने का भी माध्यम बनता है। रेगिस्तानी इलाके में सुबह से ही बीएसएफ का परिसर देशभक्ति के नारों से गूंज उठा। जवानों ने पारंपरिक वेशभूषा में मां दुर्गा और उनकी योगिनी जया-विजया का स्मरण करते हुए हथियारों पर पुष्प अर्पित किए। यह परंपरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक मानी जाती है।
बीएसएफ जवानाें ने सभी शस्त्रों को गंगाजल से शुद्ध किया और हल्दी-कुमकुम के तिलक लगाकर पुष्प अर्पित कर सम्मान दिया। इस दौरान जवानों ने मंत्रोच्चार और आरती के बीच “भारत माता की जय” और “बीएसएफ जिंदाबाद” के नारों से माहौल को उत्साहपूर्ण बनाया।
शस्त्र पूजन के साथ ही बीएसएफ की तोपखाना रेजिमेंट हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को भी याद कर रही थी। इस ऑपरेशन के दौरान जवानों ने भारतीय सेना के साथ तालमेल बनाकर पाकिस्तान की घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम किया और दुश्मन की चौकियों को ध्वस्त किया। रात-दिन मोर्चे पर डटे जवानों की मेहनत से भारत की संप्रभुता सुरक्षित रही।
यह भी पढ़ें:- पहलगाम से दोस्तों और दुश्मनों की सच्चाई का पता लग गई, RSS के शताब्दी उत्सव में बोले मोहन भागवत
बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि रेजिमेंट आधुनिक हथियारों, ड्रोन, नाइट विजन कैमरों और रडार सिस्टम से लैस है। यह केवल सीमा प्रहरी नहीं, बल्कि युद्ध की अग्रिम पंक्ति में खड़ा योद्धा है।
विजयादशमी का शस्त्र पूजन और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता यह दिखाती है कि बीएसएफ हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। जवानों ने संकल्प लिया कि वे मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
स्थानीय लोगों ने बीएसएफ की इस ताकत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल परंपरा को जीवंत करता है, बल्कि देशवासियों को भरोसा दिलाता है कि सीमाएं सुरक्षित हैं और सुरक्षा बल हर परिस्थिति में तत्पर हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)