फोटो - सोशल मीडिया
अमृतसर : पंजाब पुलिस ने अमृतसर में दो जासूसों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों जासूस सेना की छावनियों और एयरबेस की संवेदनशील जानकारी और तस्वीरें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को लीक करने का काम कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पलाक शेर मसीह और सूरज मसीह के रूप में हुई है। इन पर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगा है।
अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) मनिंदर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी देशविरोधी तत्व की जानकारी मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जाए। इसी क्रम में खुफिया सूचना मिली थी कि पलाक और सूरज पाकिस्तान के एजेंट्स के संपर्क में हैं और सेना की मूवमेंट एवं बेस लोकेशन जैसी गोपनीय जानकारियां साझा कर रहे हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, इस जासूसी गिरोह में एक और आरोपी हरप्रीत शामिल है, जिसने पलाक और सूरज को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट्स से मिलवाया था। हरप्रीत इस समय अमृतसर जेल में बंद है और उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा। उस पर पहले से NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज है।
SSP मनिंदर सिंह ने बताया कि ये आरोपी छोटी जानकारी के लिए 5,000 रुपये और अत्यधिक संवेदनशील जानकारियों के लिए 10,000 रुपये तक लेते थे। उन्होंने बताया, “हमने इस मामले में FIR नंबर 92 दर्ज की है, जो ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और IT एक्ट के तहत है। हमारी जांच गहराई से चल रही है।”
पुलिस ने आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और RDX भी बरामद किए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि पहले ये लोग सीमा से हेरोइन की खेप उठाया करते थे और अब पाक एजेंसी की मदद से जासूसी करने लगे थे। SSP सिंह ने बताया कि जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली, तुरंत एक्शन लेकर दोनों को दबोच लिया गया।
उन्होंने कहा कि ये लोग देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुके थे। सेना की मूवमेंट और गोपनीय लोकेशन की जानकारी देकर दुश्मन के इरादों को मजबूत कर रहे थे, लेकिन पंजाब पुलिस ने समय रहते इनकी साजिश को नाकाम कर दिया।
देश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ गया है। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई थी, जिसमें इस हमले के पीछे पाकिस्तान के लिंक की पुष्टि हुई थी।