Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Nepal Violence |
  • Asia Cup 2025 |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

ट्रेजडी भरा था ‘राधाकृष्णन’ का कार्यकाल, 2 प्रधानमंत्रियों की मौत 2 जंगें देखीं, बनाए 2 प्रधानमंत्री

देश के 15वें उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन बन गए हैं। भारत के पहले उपराष्ट्रपति का नाम भी राधाकृष्णन था। वे सबसे सफल उपराष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं। लेकिन उनका राष्ट्रपति कार्यकाल ट्रेजडी भरा रहा था।

  • By Saurabh Pal
Updated On: Sep 09, 2025 | 08:07 PM

सर्वपल्ली राधाकृष्णन

Follow Us
Close
Follow Us:

Vice Presidential Election: राजधानी दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव खत्म हो गया है। चुनाव परिणाम भी आ गए हैं। सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार सबसे अहम पद प्रधानमंत्री का होता है, लेकिन सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का होता है, उसके बाद उपराष्ट्रपति फिर प्रधानमंत्री का पद आता है। इन्हीं तीन कंधों पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने और बनाए रखने की प्रमुख रूप से जिम्मेदारी होती है।

आम तौर पर उपराष्ट्रपति का पूरा कार्यकाल राज्यसभा के संचालन में बीत जाता है, लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में उथल-पुथल होते रहते हैं। इसलिए उपराष्ट्रपति का पद काफी अहम होता है। राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभालता है। आज देश को नए  उपराष्ट्रपति मिले हैं। ऐसे में हम देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति के कार्यकाल जिक्र करेंगे, जो उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बने लेकिन उनका कार्यकाल ट्रेजडी से भरा रहा। हालांकि एक उपराष्ट्रपति के रूप में सबसे सफल कार्यकाल भी माना जाता है।

नेहरू ने बहन को साइड लाइन कर बनाया था सर्वपल्ली को उपराष्ट्रपति

हम बात कर रहे हैं देश के पहले उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की। उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने काफी पसंद करते थे। शायद इसलिए एक नॉन पॉलिटिकल व्यक्ति को उन्होंने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। नेहरू ने अपनी सगी बहन विजयलक्ष्मी पंडित को दरकिनार करके सर्वपल्ली को चुना था। पूर्व के इस फैसले ने सभी कांग्रेसियों को हैरत में डाल दिया था। हालांकि इसे भाई बहन का प्यार कहें या कांग्रेस के सियासी संस्कार कहें, विजयलक्ष्मी पंडित ने नेहरू के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कांग्रेस के मीटिंग में सर्वपल्ली राधाकृष्णन का समर्थन किया था।

सर्वपल्ली के मुरीद थे विपक्षी सांसद

सर्वपल्ली राधाकृष्णन हिंदू विचारक, दार्शनकि और शिक्षविद थे। उस समय के सभी सांसद उनको काफी पसंद करते थे। ऐसा एक भी मौका नहीं जब उनपर विपक्ष ने किसी प्रकार आरोप लगाया हो। वह पक्ष और विपक्ष को एक साथ लेकर चलते थे। राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे। उन्हें दो कार्यकाल मिले थे। उन्होंने उपराष्ट्रपति के तौर पर 1952 से 1962 तक काम किया। इसके बाद वे राष्ट्रपति चुने गए। 1962 से 1967 तक राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभाली।

ये भी पढ़ें-VP Election Result: CP राधाकृष्णन होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति, बी सुदर्शन रेड्डी को दी शिकस्त

सर्वपल्ली के राधाकृष्णन के कार्यकाल की ट्रेजडी

उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति तक के कार्यकाल में देश बहुत से सियासी उथल-पुथल हुए। सर्वपल्ली राधाकृष्णन इकलौते उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति हैं, जिनके कार्यकाल में देश ने दो युद्ध लड़ा। दो प्रधानमंत्रियों की मौत हुई। साथ ही उन्होंने 2 कार्यकारी प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलाई थी। राधाकृष्णन जब तक उपराष्ट्रपति रहे तब तक सबकुछ ठीक चल रहा था। मई 1962 में वे राष्ट्रपति बने और अक्टूबर के महीने में चीन से जंग हो गई।

जंग खत्म होने के कुछ महीने बाद 27 मई 1964 देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की मौत हो गई। इसके बाद गुलजारी लाल नंदा को कार्यकारी प्रधानमंत्री बनाया गया। बाद में लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। शास्त्री ने जैसे कुर्सी संभाली उसके कुछ महीने बाद पाकिस्तान से अगस्त 1965 में पाकिस्तान से जंग हो गई।

शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तानी फौज धूल चटा दी। इसके बाद दोनों देशों के बीच एक संधि हुई। जिसे ताशकंद समझौते के नाम से जाना जाता है। इस समझौते के लिए ताशकंद गए पीएम लाल बहादुर शास्त्री की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद इंदिरा गांधी को सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कार्यकारी प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी।

Tragedy filled tenure of the first vice president sarvepalli radhakrishnan

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Sep 09, 2025 | 08:07 PM

Topics:  

  • Congress
  • Delhi News
  • Latest News

सम्बंधित ख़बरें

1

कौन होगा महाराष्ट्र का अगला राज्यपाल? नए चेहरे की तलाश में BJP, सीपी राधाकृष्णन बने उपराष्ट्रपति

2

हिंसा की आग से दहला नेपाल…जिंदा जलाई गई पूर्व पीएम की पत्नी, सड़कों पर भीड़ का तांडव

3

मुंबई के विक्रोली में हिंदू परिवार का घर जलाने की कोशिश, लगे ‘सर तन से जुदा’ के पोस्टर

4

महाराष्ट्र में यात्रियों की सुरक्षा में बड़ा कदम, परिवहन विभाग ने लॉन्च किया स्मार्ट ऐप

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.