प्रवेश वर्मा और पीएम मोदी, फोटो - सोशल मीडिया
नवभारत डिजिटल डेस्क : दिल्ली में 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह होना है। सीएम बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अंदर बैठकों का दौर चल रहा है। इसमें प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है। लेकिन प्रवेश वर्मा के खिलाफ कुछ बातें हैं, जिसकी वजह से उन्हें हटाया भी जा सकता है।
इसी वजह से भाजपा हर कदम सोच समझकर उठा रही है। भारतीय जनता पार्टी आज शाम या कल तक दिल्ली के नए सीएम पर फैसला ले सकती है। इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि कोई महिला चेहरा भी सामने आ सकता है।
भाजपा शुरू से ही लगातार विपक्षी नेताओं पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाती रही है। लेकिन अब इस बार भाजपा दिल्ली में प्रवेश वर्मा को सीएम बनाई, तो विपक्षी नेता भाजपा पर हमला बोलेंगे। क्योंकि, प्रवेश वर्मा पूर्व सीएम साहब सिंह वर्मा के बेटे हैं और फिलहाल नई दिल्ली सीट से विधायक हैं।
ऐसे में बीजेपी नहीं चाहेगी कि विपक्ष को दिल्ली में भाई-भतीजावाद पर बोलने का मौका मिले। हालांकि नई दिल्ली सीट जीतने के बाद उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी प्रवेश वर्मा को सीएम बना सकती है। प्रवेश वर्मा दिल्ली में बीजेपी का बड़ा चेहरा रहे हैं और आम आदमी पार्टी का मुखर विरोध करते रहे हैं। यही वजह है कि उनके नाम की खूब चर्चा हो रही है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी की नजर अब बिहार विधानसभा चुनाव पर टिकी है। प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं और बिहार में जाट समुदाय नहीं है। भाजपा की नजर ऐसे चेहरे पर है जो बिहार में पार्टी को बड़ा फायदा दिला सके। भाजपा इस बार वैश्य चेहरे को आगे लाने की कोशिश में है ताकि दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में पार्टी को बड़ा फायदा मिल सके। अब अगर बीजेपी ऐसा करती है तो प्रवेश वर्मा का बाहर होना तय है।