अखिलेश यादव (सोर्स- सोशल मीडिया)
प्रयागराज: हरियाणा महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर लगातार सवालिया निशान लगते रहे हैं। गठबंधन के भविष्य को लेकर संशय भी बना रहा है। लेकिन इस बीच सपा मुखिया और कन्नौज सासंद ने 2027 यूपी विधानसभा चुनाव में ‘इंडिया गठबंधन’ रहेगा या नहीं रहेगा इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है।
दिल्ली और हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की बीच एक साथ चुनाव लड़ने पर सहमति नहीं बनी। कुछ ऐसा ही माहौल महाराष्ट्र चुनाव में भी दिखाई दिया। इन सबके बीच ममता बनर्जी ने भी करीब-करीब विपक्षी गठबंधन से किनारा कर लिया है। जिसके बाद इंडिया ब्लॉक के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे।
इस बीच शनिवार को अखिलेश यादव ने प्रयागराज में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 2027 के विधानसभा चुनावों में “पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) उत्तर प्रदेश से भाजपा को उखाड़ फेंकेगा। इस दौरान जब उनसे ‘इंडिया’ गठबंधन के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दोहराया कि‘इंडिया’ गठबंधन मौजूद है और रहेगा। साथ ही यह भी कहा कि 2027 का चुनाव एक साथ लड़ेंगे।
इस दौरान उन्होंने बीजेपी को निशाना बनाते हुए कहा कि भाजपा वक्फ संशोधन कानून लेकर आई है ताकि वह जमीन छीन सके। जहां भी उन्हें जमीन दिखती है, वे उस पर कब्जा कर लेते हैं।” उन्होंने भाजपा को “भू-माफिया पार्टी” करार दिया। यादव ने सत्तारूढ़ पार्टी पर नोटबंदी और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) के जरिए लोगों का पैसा छीनने और आरक्षण के अधिकार को कम करने का आरोप लगाया।
कन्नौज सांसद ने प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के संबंध में भाजपा की कार्यप्रणाली की भी आलोचना की तथा वादा किया कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो “कुप्रबंधन” की जांच कराई जाएगी। सपा प्रमुख ने दावा किया कि सरकार ने घटना के दौरान हताहतों की संख्या और वित्तीय लाभ के बारे में गलत आंकड़े दिए, और आरोप लगाया कि जनवरी में भगदड़ के दौरान ड्रोन और सीसीटीवी निगरानी विफल रही।
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वहीं, राणा सांगा विवाद पर अखिलेश यादव के तेवर रविवार को कुछ नरम दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इतिहास पर कोई चर्चा मत करो। इतिहास को इतिहास ही रहने दो। दूसरी बात, धर्म में बहुत सी बातें होती हैं। उसे वैसे ही स्वीकार कर लेना चाहिए। एक दूसरे को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। न ही ऐसी बातें कहनी चाहिए।