ईसाई धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार हर किसी के लिए खास होता है क्योंकि कुछ दिन ही बचें होते है जब यह दिन नए साल के स्वागत के लिए होता है। इस खास मौके पर अपनों को करीब लाने के लिए आज शुभकामना संदेशों के जरिए याद कर सकते है।
क्रिसमस 2024 की विशेज (सौ.डिजाइन फोटो)
Merry Christmas 2024: दुनियाभर में आज के दिन यीशु मसीह के जन्मदिन के मौके पर क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है। ईसाई धर्म का सबसे प्रमुख त्योहार हर किसी के लिए खास होता है क्योंकि कुछ दिन ही बचें होते है जब यह दिन नए साल के स्वागत के लिए होता है। इस खास मौके पर अपनों को करीब लाने के लिए आज शुभकामना संदेशों के जरिए याद कर सकते है। अपनों को भेजें ये संदेश..
यह त्योहार 25 दिसंबर को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन यीशु मसीह का जन्म हुआ था। ईसाईयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल में यीशु मसीह के जन्म की सटीक तारीख का उल्लेख नहीं मिलता, लेकिन चौथी शताब्दी में रोम के सम्राट कॉन्सटेंटाइन ने 25 दिसंबर को ही क्रिसमस के रूप में आधिकारिक मान्यता दी।
इतिहास के अनुसार, ईश्वर का दूत ग्रैबियल एक मैरी नामक युवती के पास आया. जिसमें दूत ने ग्रैबियल ने मैरी को कहा कि उसे ईश्वर के पुत्र को जन्म देना है. लेकिन उस समय युवती कुंवारी थी. इसके बाद समय बीता और मैरी की शादी जोसेफ नाम के युवक के साथ हो गई।
इसके बाद दूत ग्रैबियल जोसेफ युवती के सपने में आए और उससे कहा कि जल्द ही मैरी गर्भवती होगी और उसकी होने वाली संतान कोई और नहीं स्वयं प्रभु यीशु हैं. मैरी नाजरथ जोकि में रहा करती थी जो कि उस समय नाजरथ रोमन साम्राज्य का एक हिस्सा हुआ करता था।
एक बार किसी कारण से जोसेफ और मैरी किसी काम से बैथलेहम गए. उन दिनों वहां बहुत से लोग आए हुए थे जिसके कारण सभी धर्मशालाएं और शरणालय भरे हुए थे. वहीं काफी थक-हारने के बाद उन दोनों को एक अस्तबल में जगह मिली और उसी स्थान पर आधी रात के बाद प्रभु यीशु का जन्म हुआ. यीशु ने होकर गलीलिया में घूम-घूम कर उपदेश दिए ।
इस यात्रा में यीशु को काफी यातनाएं दीं और उन्हें क्रूस पर लटकाकर मार डाला. जब उन्हें कू्रस पर लटकाया जा रहा था, तब भी वह यही बोले कि ‘हे पिता इन लोगों को क्षमा कर दीजिए क्योंकि यह लोग अज्ञानी हैं.' उसके बाद से ही ईसाई लोग 25 दिसम्बर यीशु के जन्मदिवस को क्रिसमस के रूप में मनाते हैं।