वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। यह चेतावनी न जाने हम कितनी बार सुनते-पढ़ते हैं, लेकिन इसे हम हमेशा नजरअंदाज कर देते हैं। इस हिदायत को अनदेखा करना लगातार महंगा पड़ रहा है।
सड़क सुरक्षा अभियान का तीसरा संस्करण। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। यह चेतावनी न जाने हम कितनी बार सुनते-पढ़ते हैं, लेकिन इसे हम हमेशा नजरअंदाज कर देते हैं। इस हिदायत को अनदेखा करना लगातार महंगा पड़ रहा है। शहर में दोपहिया और चारपहिया वाहन चलाते समय कई लोग गैरजिम्मेदाराना तरीके से मोबाइल फोन पर बात करते नजर आते हैं।
यहां तक कि जब यह विचार हो कि इससे स्वयं के साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी खतरा हो सकता है, तब भी इस तरह के मामले सामान्य रूप से देखे जा सकते हैं। इससे कोई हादसा होने पर भी ट्रैफिक पुलिस नाममात्र की कार्रवाई करती है। शहर की समग्र स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में कार्रवाई बढ़ाने की जरूरत है।
गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात करने पर ट्रैफिक पुलिस को दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। लेकिन यह कार्रवाई कम ही नजर आती है। इसलिए कई वाहन चालक नियम का उल्लंघन करते हैं। यातायात विभाग भी इसे लेकर जागरूक करता है। सिग्नलों, सड़क होर्डिंग्स, बैनरों, सोशल मीडिया पर घोषणाओं के माध्यम से जन जागरूकता की जाती है ताकि नागरिक यातायात नियमों का पालन करें। लेकिन वाहन चालकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
कान के पास मोबाइल फोन रखकर दोपहिया और चारपहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस की ओर से कार्रवाई की जाती है। शहर में हजारों से अधिक ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उनसे जुर्माना भी वसूला गया। हालांकि वाहन चालकों के व्यवहार में कोई खास फर्क नहीं आया है। यातायात पुलिस वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ धारा 184 (सी) के तहत कार्रवाई करती है।
आज के दौर में हर किसी को मोबाइल इस्तेमाल करने की आदत हो गई है। लेकिन कुछ जगहों पर मोबाइल के इस्तेमाल से बचना भी जरूरी है। यातायात नियम के अनुसार वाहन चलाते वक्त फोन पर बात करना अपराध है। यह नियमों का उल्लंघन है।
लेकिन इसके बाद भी गाड़ी चलाते समय लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करके वे खुद को और दूसरों की जान को जोखिम में डालते हैं। कुछ लोग हेलमेट के नीचे मोबाइल फोन रखकर बात करते हैं। कई लोग कानों में ईयरफोन लगाकर बात करते हुए गाड़ी चलाते हैं। जिस कारण से पीछे आ रहे वाहनों का हॉर्न उन्हें नहीं सुनाई दे रहा है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक दर्दनाक हादसे में 16 साल की लड़की की मौत हो गई। यह घटना गुरुवार दोपहर 1:10 बजे सफाले और केलवे रोड रेलवे स्टेशनों के बीच हुई। हादसे का कारण लड़की के कानों में ईयरफोन लगा होना रहा। जिसकी वजह से वह आने वाली ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकी और ट्रेन ने उसे कुचल दिया। जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना रही।
बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में सड़क सुरक्षा अभियान का तीसरा संस्करण 6 जनवरी 2025, को शुरू हुआ, जिसमें सड़क सुरक्षा के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए कई जानी-मानी हस्तियां एक साथ आयीं। इस साल, अभियान का ध्यान बच्चों से जुड़ने पर केंद्रित है, जो न केवल सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं, बल्कि भविष्य के ड्राइवर भी हैं। उम्मीद है कि इस अभीयान के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओ में कमी आएगी।