मकर संक्रांति के अवसर पर नागपुर में पतंगबाजी लोगों के सिर चढ़कर बोली। वो काटा... वो काटा... हुर्रेर्रेर्रे की आवाजें दिनभर गूंजती रहीं। मानों समूचा शहर छतों पर जा चढ़ा हो।
नागपुर में पतंगबाजी की धूम। (सौजन्यः सोशल मीडीया)
मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग उड़ाने की परंपरा है। मकर संक्रांति के अवसर पर नागपुर में पतंगबाजी लोगों के सिर चढ़कर बोली। वो काटा... वो काटा... हुर्रेर्रेर्रे की आवाजें दिनभर गूंजती रहीं। मानों समूचा शहर छतों पर जा चढ़ा हो। (सभी फोटो सोर्स सोशल मीडीया)
दिनभर डीजे और ढोल की धुनों के बीच शहर भर में पतंगबाजी की धूम रही। युवक-युवतियों के बीच पेंच लड़ाने का क्रेज देखते ही बना। हर पतंग के कटने पर सिर्फ एक ही आवाज गूंज आसमान में सुनाई दी।
आसमान में सूर्य की लालिमा फूटने के साथ मकर संक्रांति पर घरों में चहल-पहल शुरू हो गई थी। सुबह के स्नान करने के बाद बच्चे अपनी-अपनी पतंगों के साथ घर के छतों पर डट गए तो कई मैदानों में दोस्तों के साथ मिलकर पतंगबाजी के हुड़दंग में मशगूल रहे।
धूप खिलने के साथ पतंगबाजी का रंग और परवान चढ़ा। हर ओर रंग-बिरंगी पतंगे तितलियों की भांति आसमान में थिरकती दिखाई दीं।
सुबह आठ बजे से छतों पर डीजे की धुन पर वो काटा वह मारा की गूंज पूरे दिन तक जारी रही। कई जगहों पर युवा डीजे की धुन पर थिरकते नजर आए। छत पर पतंग उड़ा रहे युवाओं ने खूब सेल्फियां लीं और उन्हें सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ शेयर करते रहे।
पतंग के साथ इस्तेमाल किया जाने वाला प्रतिबंधित नायलॉन मांजा पक्षियों, जानवरों और नागरिकों के लिए खतरनाक है। पतंग उत्सव के लिए इस्तेमाल होने वाले नायलॉन मांजे के खतरे के कारण सोमवार को नागपुर शहर के कई फ्लाईओवर यातायात के लिए बंद कर दिए गए थे।
नायलॉन के मांजे से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए नागपुर शहर के कई फ्लाईओवर आज यातायात के लिए बंद कर दिए गए थे। दुर्घटनाओं और जनहानि से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया था।
फ्लाईओवर पर वाहन चलाते समय पतंग उड़ाने से होने वाली दुर्घटनाओं और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया था। इसलिए मंगलवार को शहर के 14 फ्लाईओवर दिनभर के लिए बंद रहे। लेकिन शामतक पतंगबाजी की धुम रही।