भारतीय प्रसिद्ध पार्श्व गायक सुरेश वाडकर के, ‘जय भीम की गूंज गुंजाता चल, भीम स्मृति में गाता चल’, इस गीत को याद करते हुए रात 12 बजे संविधान चौक पर सभी रैलियां एकत्रित हुईं।
नीले रंग से जगमगा उठा संविधान चौक। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता, दुनिया में भारत की पहचान एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने वाले, भारतीय गणराज्य के पहले कानून मंत्री, भारतरत्न महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 134वीं जयंती की पूर्वसंध्या पर रविवार को शहर के विभिन्न इलाकों, बुद्ध विहारों से रैली निकाली गई।
भारतीय प्रसिद्ध पार्श्व गायक सुरेश वाडकर के, ‘जय भीम की गूंज गुंजाता चल, भीम स्मृति में गाता चल’, ‘भीम स्मृति में श्रद्धा सुमन, स्नेह के हाथ चढ़ाता चल’ इस गीत को याद करते हुए रात 12 बजे संविधान चौक पर सभी रैलियां एकत्रित हुईं। इन रैलियों में हजारों लोग शामिल हुए। बाबासाहब की जयंती की पूर्व संध्या पर आधी रात को दीक्षाभूमि और संविधान चौक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
रविवार मध्यरात्री 12 बजे समता सैनिक दल ने संविधान चौक पर महापुरुष की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। रविवार को सड़कें अनुयायियों की भीड़ से भर गई थीं, देर रात तक सड़कें रोशनी से जगमगा उठीं। संविधान चौक नीले रंग से पट गया। रात के 12 बजते ही भीम सैनिक जश्न मनाने में मग्न हो गए और नीले गुलाल उड़ाकर, ढोल की धुन और पटाखों की गड़गड़ाहट सुबह तक जारी रही। इस दौरान बाबासाहब आंबेडकर की जीवनगाथा बयान करने वाले गीतों ने भी अनुयायियों को काफी प्रेरित किया।
रविवार की रात 9 बजे इंदोरा बुद्ध विहार से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर धम्मज्योत रैली आरंभ हुई। इससे पूर्व बुद्ध वंदना के बाद दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन ससाई के हाथों बाबासाहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किए गए। इंदोरा बुद्धविहार, अखिल भारतीय धम्म सेना और आंबेडकरी अनुयायी के संयुक्त तत्वावधान में निकाली गई। डॉ. आंबेडकर धम्मज्योत रैली में उपासक, उपासिका सहित अनुयायी सफेद परिधान पहनकर शामिल हुए। तथागत गौतम बुद्ध, बाबासाहब, दीक्षाभूमि, संविधान चौक, माता रमाबाई, बौद्ध भिक्षुओं की प्रतिकृति रथ, बग्गी, पोड़े पर सवार होकर भव्य झाकियां बाबासाहब का जयघोष करते हुए निकलीं।
पंचशील ध्वज, नीली टोपी हर किसी का ध्यान खींच रही थी। 'बुद्धम शरणम् गच्छामी। धम्मम शरणम् गच्छामी। संघम शरणम् गच्छामी।' बुद्ध वंदना करते हुए इंदोरा चौक, कामठी रोड, गड्डीगोदाम, लिबर्टी टॉकीज मार्ग से होते हुए रैली संविधान चौक पर पहुंची। भदंत ससाई के हाथों संविधान चौक पर बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर अभिवादन किया गया। बुद्धवंदना के बाद भदंत ससाई ने अनुयायियों का मार्गदर्शन किया।
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जयंती पर शहर में अनेक आयोजन: पुलिस ने किए कड़े बंदोबस्त: इस बार पुलिस ने कड़े बंदोबस्त किए थे। पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंगल ने संविधान चौक पर पहुंचकर खुद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। देर रात तक ये सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे।
रोशनाई और पंचशील ध्वज से सज्ज हुई दीक्षाभूमि: जयंती के उपलक्ष्य में संतरानगरी में स्थित दीक्षाभूमि की रोशनाई और पंचशील ध्वज से दीक्षाभूमि को सजाया गया है। सोमवार को बौद्ध और आंबेडकरवादी अनुयायी पवित्र दीक्षाभूमि और संविधान चौक उन्हें अभिवादन करेंगे। शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सैकड़ों विहारों को भी सजाया गया है। परम पूज्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति की ओर से शहर के सभी विहारों में सुबह 10 बजे बुद्ध वंदना लेने की अपील की गई है।
भदंत ससाई के मार्गदर्शन में निकली डॉ. आंबेडकर धम्मज्योत रैली: दीक्षाभूमि में स्मारक समिति के अध्यक्ष आर्य नागार्जुन सुराई ससाई के नेतृत्व में बुद्ध वंदना की जाएगी। समिति की ओर से दीक्षाभूमि परिसर में अनुयायियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। लाखों की तादाद में आंबेडकर और बौद्ध अनुयायियों का जनसैलाब बाबासाहब के अस्थि कलश का दर्शन करने पहुंचेगा।
विहारों में महापरित्राण पाठ: उपराजधानी में बौद्ध और आंबेडकर अनुयायी रविवार की रात 12 बजे केक काटकर बाबा साहब की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई। शहर में भव्य भोजनदान दिया जा रहा है। जगह-जगह भीम गीतों की गूंज से शहर गुंजायमान होगा। विहारों में अनुयायियों द्वारा महा परित्राण पाठ का आयोजन भिक्षुओं के नेतृत्व में किया गया है। इस अवसर पर भव्य भोजनदान और भिक्षुओं को चीवरदान करके बाबा साहब को अभिवादन किया जाएगा। शहर तथा ग्रामीण क्षेत्र में रविवार की रात केक काटकर जयंती उत्सव मनाया जा रहा है।
'समता सैनिक दल' द्वारा सलामी: समता सैनिक दल की ओर से सोमवार सुबह दीक्षा भूमि और संविधान चौक दोनों स्थानों पर सलामी दी जाएगी। सोमवार को बौद्ध अनुयायियों की भीड़ देखने को मिलेगी। जगह-जगह सफेद वस्त्र पहने बौद्ध धम्म बंधु बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते हैं। कुछ भीम संगठनों द्वारा अनुयायियों को भोजन, जलपान, चाय और शरबत वितरित किया जाएगा। देर रात तक धम्म बंधुओं की भीड़ रहेगी।