सीएम मणिक साहा (फोटो-सोशल मीडिया)
अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार को कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के कारण मादक पदार्थ तस्कर इसे एक गलियारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। त्रिपुरा तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है और कुछ सीमा असम व मिजोरम के साथ लगती है। मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस पर मुख्यमंत्री ने कहा, “त्रिपुरा तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरा हुआ है, जबकि असम और मिजोरम के साथ इसकी छोटी-छोटी अंतर-राज्यीय सीमाएं हैं।” उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के कारण, मादक पदार्थ तस्कर राज्य को तस्करी के लिए गलियारे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।”
सीएम साहा ने कहा कि राज्य के युवा नशे की लत के शिकार हो गए हैं और राज्य सरकार ने नशा करने वालों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य ने नशे की लत के शिकार व्यक्तियों के उपचार के लिए राज्य के सभी आठ जिलों में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक नशा मुक्ति केंद्र पर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने सिपाहीजाला जिले के बिश्रामगंज में एक विशेष नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने के लिए पहले ही 198 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं।
राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी 103 प्रतिशत बढ़ोत्तरी
मणिक साहा ने कहा कि सरकार निजी स्वामित्व वाले नशा मुक्ति केंद्रों की निगरानी के लिए नियम और कानून तैयार कर रही है। साहा ने कहा कि राज्य ने मादक पदार्थों की लत और अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ने के लिए कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस समस्या से निपटने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा, “पिछले साल की तुलना में मादक पदार्थ और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की जब्ती में लगभग 103 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इस अवधि के दौरान ऐसी वस्तुओं को नष्ट करने में भी 132 फीसद का इजाफा हुआ है। यह दर्शाता है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
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मादक पदार्थों से जुड़ा है छात्रों का वर्गः सीएम साहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि “हम छात्रों को मादक पदार्थों के निरंतर उपयोग के प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में एक पाठ पेश करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि रिपोर्टों से पता चलता है कि छात्रों का एक वर्ग मादक पदार्थों से जुड़ा है।” कार्यक्रम का आयोजन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो और पश्चिम त्रिपुरा जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से किया था।
-एजेंसी इनपुट के साथ