हलबी समाज आंदोलन की तैयारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Umrakhed: अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र पडताल समिति यवतमाल के अधिकारी और पुलिस दक्षता दल के अधिकारी मिलकर नियमबाह्य कार्य कर रहे हैं और जानबूझकर आदिवासी हलबी समाज के लोगों पर अन्याय कर रहे हैं। यह अन्याय अब रुकना चाहिए, इसी उद्देश्य से हलबी समाज बार-बार समिति से विनती करता रहा है, लेकिन समिति का गैरकानूनी काम बंद नहीं हो रहा है। इस कारण 28 सितंबर को उमरखेड में हुई समाजबंधुओं की सभा में हलबी समाज ने भविष्य में आंदोलन करने का संकल्प लिया।
समिति आज तक हलबी समाज के विद्यार्थियों और नागरिकों को समय पर न्याय नहीं दे सकी। शासन द्वारा तय किए गए अधिनियम और उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन न करते हुए समिति लगातार गैरकानूनी ढंग से काम कर रही है और आदिवासी विद्यार्थियों के शिक्षा में बाधा डाल रही है। समिति हर हलबी विद्यार्थी का प्रमाणपत्र अवैध घोषित करती है। जब नागरिक इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय, नागपुर खंडपीठ में जाते हैं तो न्यायालय समिति को जाति वैधता प्रमाणपत्र देने का आदेश देता है।
लेकिन न्यायालय का रास्ता खर्चिक और समय लेने वाला है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। समाजबंधुओं ने कई बार समिति को ज्ञापन दिया, लेकिन न्याय नहीं मिला। इस कारण उमरखेड में चिंतन बैठक आयोजित की गई। बैठक में चर्चा हुई कि समिति किस तरह गैरकानूनी तरीके से प्रकरण खारिज करती है, जबकि उच्च न्यायालय न्याय प्रदान करता है। यदि समिति ने अपने कामकाज में सुधार नहीं किया तो भविष्य में आंदोलन करने का निर्णय समाज ने लिया।
सभा में हलबी आदिम जमात मंडल ढाणकी के अध्यक्ष अनिल कुसरे, सचिव अशोक सोनकुसरे, हलबी समाज के गहन अध्ययनकर्ता नितिन नागपुरे (नाशिक) सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। संचालन व प्रस्तावना लक्ष्मीकांत नंदनवार ने की और आभार राजू काटोले ने माना। उमरखेड, ढाणकी, धनोडा, फुलसावंगी, कुरली, जेवली, आर्णी, यवतमाल आदि स्थानों से समाजबंधु उपस्थित रहे।
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9 अक्टूबर 2023 को आदिवासी विकास मंत्रालय ने एक परिपत्रक जारी कर स्पष्ट आदेश दिए कि अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र पडताल समिति को तय नियमों के अनुसार काम करना चाहिए। 2003 के नियमों के अनुसार समिति को तय समय सीमा में जाति प्रमाणपत्र की पडताल कर उसे वैध या अवैध घोषित करना चाहिए। लेकिन समिति हलबी समाज को जानबूझकर परेशान कर रही है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा मत हलबी आदिम जमात मंडल के अध्यक्ष अनिल कुसरे ने व्यक्त किया।