जामखेड फाटा पर धनगर समुदाय ने टायर जलाकर रास्ता रोका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Jamkhed: धनगर आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर, धनगर समुदाय के लोगों ने सोमवार (30 सितंबर) रात करीब 10 बजे अंबड़ तालुका के जामखेड फाटा पर सोलापुर-धुले राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। जालना के अनशनकारी की बिगड़ती सेहत को देखते हुए, समुदाय के लोग आक्रामक हो गए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कुछ देर के लिए राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से रोक दिया है।
दीपक बोराडे 17 सितंबर, 2025 से जालना में धनगर समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति आरक्षण (एसटी आरक्षण) लागू करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। लंबी भूख हड़ताल के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई है और इस खबर ने धनगर समुदाय के लोगों को नाराज और आक्रामक बना दिया है। इसी आक्रोश के चलते, 30 सितंबर की रात करीब 10 बजे सैकड़ों धनगर समुदाय के लोग जामखेड फाटा स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर एकत्रित हुए और टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। इस दौरान, प्रदर्शनकारी स्तब्ध होकर नारे लगाते हुए वहाँ से चले गए।
रात में अचानक हुए इस सड़क जाम के कारण धुले-सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कुछ देर के लिए यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। चूँकि जामखेड फाटा एक महत्वपूर्ण जंक्शन है, इसलिए कई लंबी दूरी की मालगाड़ियाँ और यात्री वाहन सड़क पर ही रुक गए। हालाँकि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, फिर भी राजमार्ग पर यातायात जाम के कारण यात्रियों को भारी असुविधा हुई।
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धनगर समुदाय की मुख्य माँग अनुसूचित जनजाति आरक्षण लागू करना है। मेंडपाल, धनगर, हटकर समुदाय पारंपरिक रूप से खानाबदोश और आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। यह समुदाय कई वर्षों से अपने लिए न्याय सुनिश्चित करने हेतु अनुसूचित जनजाति आरक्षण को तत्काल लागू करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है।
जालना के अनशनकारी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता के कारण अब समुदाय ने एक ज़ोरदार आंदोलन शुरू कर दिया है और सिर्फ़ नारे लगाने के बजाय ठोस कार्रवाई की माँग कर रहा है। जामखेड फाटा में रात में हुए इस आंदोलन पर प्रशासन को तुरंत ध्यान देना पड़ा है और इस आंदोलन का असर मराठवाड़ा सहित पूरे राज्य में पड़ने की संभावना है।