विदर्भ-मराठवाड़ा का टूटा संपर्क (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal Heavy Rainfall: यवतमाल जिले में भारी बारिश के कारण नदियां उफान है। जिले में कई मार्गों की आवाजाही भी बंद हो गई है। जिससे परिवहन सेवा पर असर हुआ है। शुक्रवार को जहां पूरे जिले के 100 से अधिक राजस्व सर्कलों में अतिवृष्टि दर्ज की गई। वहीं शनिवार 27 सितंबर को जिले के 11 सर्कलों में अतिवृष्टि दर्ज की गई है।
इनमें यवतमाल के कापरा, बाभुलगांव के बाभुलगांव, सावर, कलंब तहसील के मेटीखेडा, दारव्हा तहसील के बोरी, नेर तहसील के माणिकवाडा, शिरजगांव, मोझर, पुसद तहसील के शेंबालपिंपरी, रालेगांव तहसील के झाडगांव, धानोरा गांव में 65 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जिले में अब तक 1030 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
वहीं लगातार बारिश से अरुणावती बांध के 11 गेट 75 सेमी से खोल दिए गए है। इसके अलावा अधरपुस बांध के 8 गेट से 1 मीटर 872 क्यूमेक्स, ईसापुर परियोजना के 13 गेट 0.50 सेमी, 624.70 क्यूमेक्स, अडान परियोजना के 5 गेट 0.80 मीटर और बेंबला बांध के 18 गेट 25 सेमी से खोल दिए गए है।
आर्णी में मौसम विभाग द्वारा यवतमाल जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किए जाने के बाद कल शाम से ही बारिश लगातार जारी रही।
अरुणावती में बाढ़ (सौजन्य-नवभारत)
इसके कारण अरुणावती के धरण के 11 दरवाजे पहले 45 सेंटीमीटर खोल दिए गए थे। दोपहर में बांध क्षेत्र में पानी की आवक बढ़ने पर इन्हें 75 सेंटीमीटर तक खोलना पड़ा। अरुणावती नदी में पानी की अत्यधिक आवक के कारण आर्णी शहर के मोमीनपुरा और शास्त्रीनगर क्षेत्रों में नालियों के आसपास पानी भर गया।
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इसके चलते स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। इसके अलावा तहसील के महालुंगी क्षेत्र में भी जोरदार बारिश हुई, जिससे खेती को भारी नुकसान हुआ। पूरे तहसील में लगातार तेज बारिश होने के कारण इस साल के फसल मौसम पर गंभीर असर पड़ा है और किसान चिंतित हैं।