प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Yavatmal Crime News: यवतमाल जिले में अनैतिक संबंधों में बाधा बन रहे अपने ही बेटे की निर्मम हत्या करने वाली एक मां और उसके प्रेमी को जिला न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस जघन्य अपराध ने पूरे यवतमाल जिले को स्तब्ध कर दिया है। यह फैसला जिला न्यायाधीश एस.यू. बघेले ने 11 सितंबर को सुनाया। आरोपियों की पहचान शोभा दमडू चव्हाण (50) और नरेंद्र ज्ञानेश्वर ढेंगाले (45), दोनों निवासी मोझर के रूप में हुई है।
यह घटना अगस्त 2020 की है। शोभा चव्हाण और नरेंद्र ढेंगाले के बीच अवैध संबंध थे। शोभा का 30 वर्षीय बेटा कमल चव्हाण इस रिश्ते के खिलाफ था और लगातार इसमें बाधा डाल रहा था। मां और प्रेमी ने मिलकर बेटे को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया।
दोनों ने मिलकर धारदार हथियार से कमल की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को पहले शोभा के घर में छुपाया। बाद में रात के अंधेरे में शव को श्मशान भूमि में ले जाकर फेंक दिया, ताकि किसी को शक न हो।
अपराध को छुपाने के लिए, शोभा ने अगले ही दिन पुलिस थाने में चार अज्ञात लोगों के खिलाफ अपने बेटे की हत्या की शिकायत दर्ज कराई। लेकिन नेर थाने के तत्कालीन थानेदार ज्ञानेश्वर घुगे की पैनी नजर से यह झूठ ज्यादा दिन नहीं चल पाया। उनकी गहन जांच में जल्द ही यह सच्चाई सामने आ गई कि हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि शोभा और उसके प्रेमी नरेंद्र ने ही की थी।
पुलिस को कुछ ऐसे प्रत्यक्षदर्शी मिले, जिन्होंने आरोपियों को शव फेंकते हुए देखा था। इस महत्वपूर्ण गवाही और अन्य परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर नेर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पुख्ता आरोप पत्र तैयार कर न्यायालय में दाखिल किया।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान, एक प्रत्यक्षदर्शी गवाह पंकज कावरे अपने बयान से मुकर गया, जिससे मामले में थोड़ी जटिलता आई। बावजूद इसके, सरकारी वकील एड. मंगेश गंगलवार ने हार नहीं मानी। उन्होंने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को एक-दूसरे से जोड़कर एक मजबूत दलील पेश की।
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उन्होंने तर्क और सबूतों के आधार पर यह साबित कर दिया कि अपराध शोभा और नरेंद्र ने ही किया है। सरकारी वकील की मजबूत दलीलों को सुनने के बाद, सत्र न्यायाधीश एस.यू. बघेले ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
न्यायालय ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ आर्थिक दंड भी दिया है। आरोपी नरेंद्र ढेंगाले को 50 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है, जिसे न भरने पर उसे 2 साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। वहीं, शोभा चव्हाण को 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे न भरने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास होगा।
न्यायालय ने आदेश दिया है कि जुर्माने की राशि मृतक कमल की पत्नी और उसकी तीन बेटियों को मुआवजे के तौर पर दी जाए। इसके अलावा, बयान से पलटे गवाह पंकज कावरे को झूठा सबूत देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश भी पारित किया गया है। यह फैसला दर्शाता है कि कानून की नजर में अपराध को छुपाने का प्रयास करने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।