कांग्रेस में 'प्रभारी युग' समाप्ति की ओर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
यवतमाल: महाराष्ट्र में कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य के लगभग 30 जिलों में वर्षों से प्रभारी अध्यक्षों के माध्यम से संगठन का कामकाज चल रहा था। अब यह व्यवस्था समाप्त की जा रही है। पार्टी ने स्थायी तालुका अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत बुधवार, 4 जून से मुंबई के तिलक भवन में साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे हैं। कांग्रेस में यह पहली बार होगा जब तालुका अध्यक्षों का चयन साक्षात्कार के जरिए किया जाएगा। इसके बाद जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि संगठन की जिम्मेदारी उन नेताओं को सौंपी जाए जिनकी छवि साफ-सुथरी हो, जो स्पष्ट वक्ता हों और जिनका जनता के बीच सीधा जनाधार हो। इसी सोच के तहत हाल ही में हर्षवर्धन सपकाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने प्रत्येक जिले के लिए एक-एक निरीक्षक नियुक्त किया, जिन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद कर रिपोर्ट तैयार की। ये रिपोर्ट अब पार्टी नेतृत्व के पास पहुंच चुकी हैं, और उसी आधार पर नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जा रही है।
राज्य में कांग्रेस के 60 जिलाध्यक्ष पद हैं, लेकिन उनमें से 30 पर अभी भी प्रभारी कार्यरत हैं। सामान्य रूप से जिलाध्यक्ष की नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष की सिफारिश पर दिल्ली स्थित कांग्रेस नेतृत्व द्वारा की जाती है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से नियुक्तियों के स्थान पर अस्थायी प्रभारियों के जरिए संगठन चलाया जा रहा था। अब जिन जिलों में संगठनात्मक कमजोरियां पाई गई हैं या जहां प्रभारी लंबे समय से पद पर हैं, वहां स्थायी नियुक्तियाँ की जाएंगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर योजना तैयार कर ली गई है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में संगठन के पुनर्गठन के लिए ‘संघठन सृजन अभियान’ नामक एक नया मॉडल शुरू किया है। इसके अंतर्गत दिल्ली से वरिष्ठ नेताओं को निरीक्षक नियुक्त कर, वे सीधे स्थानीय कार्यकर्ताओं से संवाद करते हैं और उसी के आधार पर जिलाध्यक्षों का चयन किया जाता है।
महाराष्ट्र में भी यही मॉडल लागू किए जाने की संभावना है। एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी में भी व्यापक बदलाव की तैयारी है। लंबे समय से निष्क्रिय लेकिन पदों पर बने हुए 18 से 20 उपाध्यक्षों और 70 से 75 सचिवों को हटाया जा सकता है। पार्टी संगठन को अधिक सक्रिय और जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने की दिशा में यह कदम अहम माना जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने पदभार संभालने के बाद जनता से सीधे संपर्क को प्राथमिकता दी है। उन्होंने मसराजोग से बीड तक सद्भावना यात्रा निकाली, परभणी से पोखर्णी तक पदयात्रा की और परली में सत्याग्रह किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नांदेड़ और बेलगाम में तिरंगा रैली का आयोजन किया और नाशिक के प्रसिद्ध कालाराम मंदिर में रामनवमी के अवसर पर पुजारियों को संविधान की प्रतियाँ भेंट कीं। अब वे मंगलवार, 3 जून से यवतमाल जिले में ‘किसान आत्मसम्मान पदयात्रा’ निकालने जा रहे हैं, जो दाभड़ी से आर्णी तक आयोजित की जाएगी। यह वही स्थान है जहां वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया था।