यवतमाल किसान (सौजन्य-नवभारत)
Yavatmal News: रबी ज्वार की खरीद में भ्रष्टाचार की जांच और सरकार की ज्वार खरीद नीति को केवल व्यापारियों के हित में और किसानों के साथ अन्याय बताते हुए, किसान शेख अब्दुल मजीद ने राज्य के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की है। शेख अब्दुल मजीद एक छोटे किसान है और तहसील के वरूड परिसर में उनकी जमीन है। उन्होने अपने खेत में गर्मी के दिनों में ज्वार की उपज ली थी।
जिसकी सरकारी केंद्र पर बिक्री के लिए पंजीयन कराया था। उसकी रसीद भी शेख अब्दुल मजीद के पास है। महाराष्ट्र सरकार ने रबी ज्वार की खरीदी प्रक्रिया गारंटीशुदा दाम पाने के लिए उन्होने 16 अप्रैल 2025 को पंजीकरण किसान बाज़ार यार्ड, सेलु बु तालुका पुसद में करवाया है और रसीद भी दी गई है। लेकिन आज तक उन्हे उपज बिक्री के लिए लाने का कोई संदेश नहीं मिला है। संबंधित पोर्टल बार-बार बंद हो रहा है।
इसलिए बार-बार तहसीलदार पुसद से जाकर पूछताछ की है लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। जब उपरोक्त किसान बाज़ार यार्ड गया तो देखा कि वहां व्यापारियों के माल की ख़रीद ज़ोरों पर चल रही है। इसलिए उपरोक्त पोर्टल से सिर्फ़ व्यापारियों को ही लाभ हो रहा है और किसानों को कोई फ़ायदा नहीं हो रहा है। शेख बब्दुल मजीद ने पिछले साल भी इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसकी जांच तक नहीं हुई।
इस वहज से गर्मी की ज्वार की उपज उनके घर पडी हुई है। उन्होने बताया कि उनके पास माल रखने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए ज्वार बर्बाद हो रहा है और मुझे भारी नुकसान हो रहा है। उपरोक्त स्थिति के कारण किसानों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है। यह अत्यंत खेद की बात है कि सरकार द्वारा किसानों ने अपने ही खेतों में उगाए गए ज्वार को खरीदने से रोकने का प्रयास कर रही है। इसके कारण किसानों की मानसिक स्थिति खराब हो गई है।
शेख अब्दुल मजीद के घर पर मार्च माह से ज्वार (माल) रखा है और अन्य फसलों की बुवाई के लिए निजी ऋण लिया है और अब यदि सरकार ज्वार नहीं खरीदती है, तो मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। सरकार की इस अड़ियल नीति के कारण किसानों को आत्महत्या का सामना करना पड़ रहा है और ऐसा लगता है कि यह सरकारी नीति केवल व्यापारियों के लाभ के लिए है।
फिर, शिकायतकर्ता शेख अब्दुल मजीद ने उपरोक्त मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने शिकायत की एक प्रति जिला कलेक्टर यवतमाल, उप-विभागीय अधिकारी और तहसीलदार पुसद को भी दी है।
पुसद तहसील के किसान इस बात को लेकर परेशान हैं कि सरकारी केंद्र पर उनके उपज की खरीदी नहीं की जा रही। दूसरी ओर जिन किसानों ने जिले के अन्य केंद्र पर पंजीयन कराया और उपज सरकारी केंद्र पर बेची उन्हे उसके पैसे आज तक नहीं मिले हैं। बीते 2 से 3 महीने से यह किसान सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। रबी की उपज बिक्री से जो कुछ पैसे किसानों को मिलने की उम्मीद थी।
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उन पैसों से वर्तमान में खरीफ फसल का खर्च चल जाएगा ऐसी किसानों को उम्मीद थी। लेकिन पांढरकवडा, वणी समेत अन्य तहसील में भी किसानों को उपज की बिक्री के बाद उसके पैसे मिलने का इंतजार है। पांढरकवडा तहसील के ग्राम अर्ली के किसान श्रीनिवास अक्कीवार, दिनेश एनगुनवार, लचमारेड्डी अक्कीवार, माधव डंभारे, संजीवरेड्डी अडीवार ने जिलाधिकारी को ज्ञापन व्दारा शिकायत की है।