यवतमाल न्यूज
Yavatmal News: गेमिंग ऐप चलाने वाले गिरोह ने एक कृषि उत्पादक कंपनी के निदेशक को अपनी असली पहचान छिपाकर और कई तरह की सुविधाओं का लालच देकर अपने जाल में फंसाया। फिर सौदा करके बैंक खाते के दस्तावेज़ हासिल कर लिए। वे यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने काला धन को सफेद करने के लिए इस खाते में 8.63 करोड़ रुपये का कारोबार भी कर लिया।
जैसे ही निदेशक को इसकी जानकारी हुई, उनकी आंखें चौंधिया गईं। इसके बाद उन्होंने इस मामले में यवतमाल ग्रामीण पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। यवतमाल ग्रामीण पुलिस ने गेमिंग ऐप चलाने वाले अपराधी राजस्थान के धनारी खुर्द, जोधपुर निवासी कानाराम भगतराम जाट (26), रवींद्र पुनिया (25), करमवीर सिंह (25) और उनके तीन अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नेर तालुका के बानगांव और आसपास के गांवों के कुछ किसानों ने मिलकर बेम्बला वैली नाम से एक किसान उत्पादन कंपनी की स्थापना की थी। वह इस कंपनी के माध्यम से कृषि से संबंधित कुछ व्यवसाय या संयुक्त उद्यम करके प्रगति करने की कोशिश कर रहे थे। उस मामले में वह संबंधित छह सदस्यीय गिरोह के संपर्क में आए। इस गिरोह ने संबंधित किसानों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया।
इसके अलावा इसने कंपनी को पूंजी के रूप में 50 लाख रुपये देने का भी लालच दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने उन्हें राजस्थान का दौरा कराकर उनका विश्वास भी हासिल किया। उस आधार पर उन्होंने उनसे इस कंपनी के बैंक खाते के दस्तावेज हासिल कर लिए। बैंक खाते तक पूरी पहुंच होने के कारण उन्हें पैसे जमा करने और निकालने में कोई परेशानी नहीं हुई।
उसके बाद से जब तक कंपनी निदेशक राजस्थान से वापस नहीं आ गया, तब तक इस खाते में आठ करोड़ रुपये का काला धन जमा करने और उसे सफेद करने का प्रयास किया गया। जैसे ही कंपनी निदेशक को इस मामले के बारे में पता चला, वह यवतमाल ग्रामीण पुलिस स्टेशन पहुंचे और इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। इसमें उन्होंने कहा कि बैंक खाते में कुल 8 करोड़ 63 लाख रुपये का कारोबार हुआ है।
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पुलिस ने शुरुआत में इस शिकायत को जांच में रखा। लेन-देन की पुष्टि होते ही 10 अक्टूबर की देर रात संबंधित गिरोह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी कुमार चिंता ने स्थानीय अपराध शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक संतोष मनवार को जांच सौंपी है।
राजस्थान में काले धन को सफेद करने वाले ये गिरोह सराय में सक्रिय हैं और उन्होंने वहीं कस्टमर केयर जैसे कार्यालय बना रखे हैं। तकनीकी मामलों में माहिर ये गिरोह अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के रूप में जाने जाते हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन्होंने इस मामले में 15 गेमिंग ऐप्स से पैसे का इस्तेमाल किया है। इसलिए, ये गेमिंग ऐप भी जांच के दायरे में आ गए हैं।