बारिश (सोर्स: सोशल मीडिया)
Yavatmal News In Hindi: इस साल जिले में अतिवृष्टि ने कहर बरपाने का काम किया है। जिले के 110 राजस्व सर्कलों में से तकरीबन 106 सर्कलों में अतिवृष्टि हुई है। इस आपदा में 18 लोगों को अपनी जान गंवानी पडी है।
यह जानकारी मंगलवार को जिलाधिकारी विकास मीना ने पत्रकार परिषद में दी। जिलाधिकारी विकास मीना ने बताया कि 1 जून से 30 सितंबर तक जिले में 113.9 फीसदी तक बारिश हुई है। जिसका आंकडा 1048 मिमी दर्ज किया गया है। यह जिले के सालाना औसत से सर्वाधिक है।
बारिश के चलते तीन बडे, सात मध्यम व अन्य छोटे प्रकल्पों में 96.40 फीसदी जलसंग्रह है। इसीलिए मध्यंतर में बडे पैमाने पर पानी का विसर्ग भी हुआ। अब हालात नियंत्रण में होने पर भी बरसात के दौरान जिले में 18 लोगों को जान भी गंवानी पडी। उनके वारिसों को प्रति परिवार 4 लाख रुपयों की तर्ज पर 68 लाख रुपयों की मदद दी गई। 195 मवेशियों की भी मृत्यु होने से नुकसान भरपाई के तौर पर उनके मालिकों को 44 लाख 57 हजार रुपए दिए गए।
इसके अलावा जिले में अतिवृष्टि से तकरीबन 3 हजार 664 घरों का नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई के रूप में 73 लाख 71 हजार रुपयों की मदद दी गई है। इसके अलावा 1971 परिवारों को प्रत्येक 10 किलो गेंहू, 10 किलो चावल का वितरण किया गया। आपदा पीडित परिवारों को प्रत्येक 10 हजार रुपयों की तर्ज पर 4 करोड 6 लाख 70 हजार रुपयों का सानुग्रह अनुदान दिया गया।
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राशि वितरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जून से अगस्त तक हुई बारिश ने जिले में 2 लाख 11 हजार 17 हेक्टेयर कृषि फसलों को नुकसान पहुंचाया। मुआवजे के तौर पर सरकार ने 183 करोड़ 67 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया है। इस राशि के वितरण की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच, सितंबर महीने में हुई भारी बारिश ने 2 लाख 89 हजार हेक्टेयर कृषि फसलों को प्रभावित किया। इस नुकसान का आकलन चल रहा है और इसे 3 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने दिवाली से पहले सभी प्रभावित लोगों के खातों में मुआवजा राशि पहुंचाने का निर्देश दिया है, जिला कलेक्टर विकास मीना ने बताया। शुष्क खेती के लिए 8 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर और सिंचित खेती के लिए 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।