एसपी ने किए पुलिस विभाग में व्यापक उलटफेऱ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
वर्धा: पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन ने विभाग में बड़ा ऑपरेशन किया है। एसपी ने गुरुवार को एएसआई से लेकर शिपाई पद के 436 कर्मचारियों के तबादले किए। एलसीबी से अनेक प्रमुख कर्मचारियों को हटाकर उनकी जगह पर नए चेहरे दिए गए हैं। उक्त तबादलों के कारण किसी के चेहरे पर खुशी है तो कोई मायूस हुआ है। मेडिकल व अन्य कारणों के चलते कुछ कर्मचारियों को उनकी पुरानी जगह पर कायम रखा गया है।
उल्लेखनीय यह है कि, पिछले वर्ष तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नुरूल हसन ने तबादलों की प्रक्रिया की थी। जैन ने पदभार स्वीकारने के बाद विभाग के कर्मचारियों का बारीकी से अवलोकन कर यह तबादले किए हैं। पुलिस विभाग में प्रतिवर्ष मई माह में तबादले किए जाते हैं। यह प्रक्रिया करने के पूर्व सभी कर्मचारियों को उनकी इच्छा के अनुसार पुलिस स्टेशन अथवा विभाग का नाम दर्ज कर आवेदन करना होता है।
जिसके बाद आवेदनों की छंटनी कर सभी के साक्षात्कार लेकर तबादले किए जाते हैं। यह सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद गुरुवार को पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन ने तबादलों की सूची जारी की। दो सूचियों में कुल 436 कर्मचारियों के नाम हैं। प्रथम सूची में 191 और द्वितीय सूची में 242 कर्मचारियों का समावेश है। जिसमें एएसआई दर्जे के 57, जमादार 131, नाईक 46 और शिपाई 202 का समावेश है।
एलसीबी विभाग से संतोष दुरगडे, मारोती नगराले, श्रीकांत खडसे, गजानन लामसे, राजेश तिवसकर, रितेश शर्मा, अल्का कुंबलवार, राजेंद्र जयसिंगपुरे, मनिष कांबले, रामकिसन इप्पर, नितीन इटकरे, गोपाल बावनकर आदि का अन्य जगह तबादला किया गया है।
सुरज गुजर, सादिक शेख, जगदीश गराड, सागर काले, गौरी भुसारी, नरेश पेठकर, लिला उईके, शरद धोंगडे, दिवाकर परिमल, किशोर पाटील, संजयसिंग सूर्यवंशी, विभा वाघ, सपना कांबले, प्रिती ढेपे, चंद्रकांत तपासे, दीपक जंगले, संचाली मुंगले, राजू वैद्य, सोनम कांबले, कमलाकर सोनारकर, पवन निलेकर, अरविंद घुगे, अविनाश निंबालकर, चेतन पापले, अमोल गिते, गणेश सातपुते, महेश जाधव, जीवन आडे, संभाजी मुंडकर, उदय दाते, अजय अनंतवार का समावेश है।
तबादलों के चलते अनेक कर्मचारियों ने आवेदन किए थे। मात्र उनकी विनती ठुकराई गई है। कुछ कर्मचारियों के प्रशासनिक व मेडिकल कारणों के चलते बदली नहीं की गई है। उन्हें उनकी पुरानी जगह पर कायम रखा गया है। तो कुछ कर्मचारी साक्षात्कार के दौरान गैरहाजिर रहने के कारण उनका तबादला नहीं किया गया। अनेक कर्मचारियों को उनकी पसंदीदा जगह नहीं मिलने के कारण उनमें मायूसी देखी जा रही है।