
वर्धा न्यूज
CCI Registration Last Date: वर्धा जिले में कपास उत्पादक किसानों की संख्या बड़ी है, लेकिन हर साल उन्हें एमएसपी से कम दाम पर कपास बेचनी पड़ती है। इसलिए इस बार किसानों ने भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के माध्यम से पंजीकरण कराने के लिए बड़ी संख्या में रुख किया है। मगर किसान ऐप और वेबसाइट लगातार बंद रहने से किसानों को पंजीकरण के दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस साल खरीफ मौसम में सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। रोग और कीट प्रकोप के कारण फसल पूरी तरह प्रभावित हुई। उत्पादन घट जाने से किसानों का खर्च भी नहीं निकल पाया। सरकार ने आर्थिक मदद की घोषणा तो की, लेकिन अब तक किसानों को एक रुपया भी नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की थी कि वे फसलें समर्थन मूल्य से कम दर पर न बेचें, परंतु वास्तविकता यह है कि बाजार में समर्थन मूल्य से कम दाम ही मिल रहे हैं। तकनीकी खामियों के कारण सामूहिक पंजीकरण प्रणाली में स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इस वजह से किसान जिनिंग और प्रेसिंग कारखानों में जाकर पूछताछ कर रहे हैं, मगर वहां से भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा।
हर साल प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को उत्पादन में नुकसान झेलना पड़ता है। ऊपर से बाजार में निजी व्यापारी समर्थन मूल्य से कम दाम देकर किसानों का शोषण करते हैं। किसानों को उचित दाम मिले, इसके लिए जिले में सीसीआई केंद्र शुरू किए गए हैं। इस वर्ष कपास का समर्थन मूल्य 8,110 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, इसलिए किसान बड़ी संख्या में सीसीआई पंजीकरण की ओर रुख कर रहे हैं।
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लेकिन ऑनलाइन प्रणाली की दिक्कतों से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। बाजार में फिलहाल सोयाबीन का भाव 4,200 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन काली पड़ी सोयाबीन को व्यापारी मात्र 500 रुपये प्रति क्विंटल में खरीद रहे हैं। जबकि सरकार ने 5,328 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है। किसानों को अब नाफेड द्वारा खरीद शुरू होने की प्रतीक्षा है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई सरकारी निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
सीसीआई ने कपास पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर घोषित की है। सीमित समय में पंजीकरण पूरा करने के लिए किसान पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐप बंद होने से उनका कीमती समय बर्बाद हो रहा है। किसान संगठन और किसानों की मांग है कि किसान ऐप को तुरंत चालू किया जाए और पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए, ताकि सभी किसानों को सीसीआई की खरीद प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिल सके। अन्यथा अनेक किसान इस योजना से वंचित रह जाएंगे, ऐसी आशंका जताई जा रही है।






