वर्धा जिले में 42 रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिलने के बाद वर्धा जिले में कुल 42 रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया जिला प्रशासन के खनिकर्म विभाग द्वारा शुरू की गई है। इन घाटों की नीलामी से प्रशासन को लगभग 8 करोड़ 13 लाख 97 हजार 200 रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। पहले सरकार ने रेत चोरी और अवैध परिवहन पर रोक लगाने के उद्देश्य से रेत डिपो से बिक्री की नीति लागू की थी, ताकि नागरिकों को उचित दर पर रेत उपलब्ध हो सके। हालांकि, इस नीति के चलते रेत डिपो में रेत की कमी और रेत माफियाओं की सक्रियता जैसी समस्याएँ सामने आईं।
इसके बाद शासन ने यह नीति रद्द करते हुए रेत घाटों की नीलामी प्रणाली को फिर से लागू करने का निर्णय लिया। खनिकर्म विभाग ने जिले में नीलामी योग्य घाटों की संपूर्ण जानकारी एकत्रित की और इसके लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति मांगी।
अक्टूबर 2025 के पहले सप्ताह में राज्य पर्यावरण तज्ञ मूल्यांकन समिति तथा महाराष्ट्र राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण की बैठकों में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई और इसे मंजूरी प्रदान की गई। पर्यावरण विभाग की स्वीकृति मिलते ही खनिकर्म विभाग ने इन 42 रेत घाटों की नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। कुल 1,50,740 ब्रास रेत की नीलामी की जा रही है, जिससे प्रशासन को अनुमानित 8 करोड़ 13 लाख 97 हजार 200 रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
कुल 42 रेत घाटों में से सर्वाधिक 21 घाट हिंगणघाट उपविभाग के अंतर्गत हैं। इसके अलावा आर्वी उपविभाग में 10 घाट और वर्धा उपविभाग में 11 घाट शामिल हैं। पिछले कुछ समय से रेत घाटों की नीलामी न होने के कारण चोरी की रेत ऊँचे दामों पर बेचे जाने की शिकायतें सामने आ रही थीं। छोटे-बड़े रेत माफिया इस अवैध कारोबार में सक्रिय थे।
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इन 42 घाटों की नीलामी पूरी होने के बाद रेत चोरी और अवैध बिक्री पर रोक लगेगी, शासन का राजस्व बढ़ेगा और नागरिकों को वाजिब दर पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। इससे घरों और व्यावसायिक इमारतों के निर्माण कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।