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वर्धा. एमकेसीएल व प्रोमार्क इन दो कंपनियों के आपसी खींचतान के चलते रातुम नागपुर विवि की परीक्षा पर गंभीर परिणाम होने की संभावना जताई जा रही है. गत कुछ दिनों से दोनों कंपनियों के बीच आपसी विवाद चल रहा है. मात्र विवि प्रशासन कंपनियों में आपसी समन्वय बनाने ने नाकाम रहा है.
नागपुर विवि ने परीक्षा व नामांकन की प्रक्रिया पांच वर्ष पूर्व प्रोमार्क कंपनी को सौंपी थी. यह कंपनी पीजी से लेकर यूजी प्रवेश की प्रक्रिया करती थी. कोरोना संक्रमण के दौरान भी आनलाइन परीक्षा लेने की जिम्मेदारी प्रोमार्क सौंपी गई थी. कंपनी के कार्य में शुरू के दौर में कुछ कठिनाइयां आयी थी. परंतु बाद में कंपनी का कार्य सुचारू हुआ, जिससे विवि के नामांकन व परीक्षा विभाग के साथ ही कालेजों का काम आसान हुआ.
किंतु शिक्षा सत्र 2021-22 से विवि प्रशासन प्रथम वर्ष नामांकन (पंजीयन) व परीक्षा की जिम्मेदारी एमकेसीएल कंपनी को सौंपी. चरण बद्ध तरिके से संपूर्ण यूजी व पीजी पाठ्यक्रम की जिम्मेदारी एमकेसीएल को दी जाने वाली है. इस वर्ष यूजी व पीजी का प्रथम व व्दितीय सत्र का जिम्मा एमकेसीएल को दिया गया है. अचानक विवि प्रशासन ने प्रोमार्क की मौजूदगी में दूसरी कंपनी खड़ी करने के कारण यह बात प्रोमार्क को रास नहीं आयी है. परिणामवश दोनों कंपनियों में आपसी स्पर्धा शुरू हो गई है. दोनों के आपसी खींचतान के चलते कालेज व विवि परीक्षा विभाग परेशान हो गया है.
प्रथम सत्र की परीक्षा की जिम्मेदारी एमकेसीएल व अन्य सत्र के परीक्षा की जिम्मेदारी प्रोमार्क कंपनी पर थी. प्रोमार्क कंपनी ने परीक्षा से जुड़ा सभी कार्य समय पर पूरा किया. वहीं एमकेसीएल ने प्रथम सत्र परीक्षा हॉल टिकट परीक्षा के दिन पूर्व देने के कारण विवि परीक्षा विभाग से लेकर कालेज भी परेशान हो गये थे.
विवि के अधिकारियों ने ग्रीष्मकालीन परीक्षा समय पर लेने के साथ आफलाइन लेने की घोषणा की है. परंतु दोनों कंपनियों के विवाद के चलते यह काम समय पर होना कठीन हो गया है. विवि प्रशासन ने 15 मार्च के पूर्व परीक्षा फॉर्म लेकर अप्रैल में परीक्षा का नियोजन बनाया था.
यूजी पाठ्यक्रम की चौथे व छटवें सत्र के परीक्षा फॉर्म प्रोमार्क की साइट पर अपलोड करना है. किंतु गत सप्ताहभर से साइट स्लो चल रही है. अनेक दिक्कतें कालेजों को आ रही है. प्रोमार्क की हेल्पलाइन नंबर संपर्क करने के बावजूद भी कोई फोन उठाने तैयार नहीं है. इससे कालेजों को आने वाली समस्या हल नहीं होने के कारण समय पर परीक्षा फॉर्म अपलोड होने का कार्य दिक्कत में आया है. परिणामवश विवि प्रशासन ने तय की हुई सीमा में परीक्षा लेने संभव नहीं होने की स्थिति है.