साईनगर में आवारा पशुओं का डेरा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Sindi Meghe: वर्धा शहर के सिंदी मेघे के साईनगर चौराहे से लेकर परिसर की व्यस्त सड़क पर अनेकों माह से आवारा पशु एवं कुत्तें के झूंड दिखाई दे रहे हैं। इन पशुओं में गाय, बैल, बछड़े, कुत्तें भी शामिल होते हैं। इन पशुओं से राहगिर और वाहन चालकों को बड़ी परेशानी हो रही। यह समस्या हमेशा से ही घटित हो रही है। कुछ दिन पूर्व सड़क पर रात 9 बजे मे दरमियान अचानक गाय दुपहियां के सामने आने से दुपहियां सवार और दुपहियां सवार छोटी बच्ची सीमेंट सड़क पर जा गिरी। जिससे बच्ची के सर को चोटें लगी। उसे सर के बाजू में खून भी बहने लगा था। ऐसी घटना आए दिन होती है।
इन आवारा पशुओं से दूर-दूर तक परिसर के नागरिक बड़े प्रमाण में परेशान है। लेकिन इस पर ग्रामपंचायत या अन्य संबंधित विभाग किसी प्रकार ध्यान नही देते। ऐसा ही नहीं तो मध्य रात्रि में जब सभी नागरिक सोते हैं। तब यह आवारा पशु सड़क अथवा कालोनी निवासी के घर के सामने बैठ जाते हैं और वहां पर गंदगी कर देते हैं। बाद जब सुबह नागरिक नींद से जागते है तो नागरिकों को मजबूरन गंदगी जिसमें गोबर, मुत्र साफ करना पड़ता है। यह मवेशी संपूर्ण परिसर को ही गंदा करते हैं।
यह घटना हमेशा को घटित हो रही। वैसे दूसरी ओर इसके पूर्व ग्राम पंचायत की कचरा गाड़ी दो या तीन के पश्चात आती थी। लेकिन अब कचरा गाड़ी 6 या 7 दिन तक आती ही नही। जिससे परिसर के लोगों के घर में बहुत कचरा जमा हुआ है। यह कचरा मजबूरन नागरिकों को खुले में फेंकना पड़ रहा है। इसके कुछ दिन पूर्व ग्रामपंचायत की कचरा गाडी इसकी लाऊड स्पिकर से सूचना दी थी। जिससे बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है। यह कचरा घर पर ज्यादा दिन तक नही रख सकते। यह जिम्मेदारी किसकी है। यह पता नही चल रहा। जिससे स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ रही है।
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तीसरी समस्या आवारा कुत्तों की है। यह आवारा कुत्तें सड़क या अन्य किसी स्थान पर झूंड में रहते है। जब कोई छात्र, छात्राएं पैदल या साइकिल से जाते है। यह कुत्ते राहगिर एवं दुपहियां चालकों पर कभी कभी हमला कर देते है। जिससे लोगों में डर का माहौल निर्माण हो गया है। इसलिए आवारा कुत्तो का बंदोबस्त करने की मांग नागरिक कर रहे। रोजाना ही नागरिकों को इन समस्या सामना करना पड़ रहा है। लेकिन यह समस्या हल नही हो रही। मतलब आम नागरिकों चारों ओर से समस्या सता रही है। इससे साफ दिख रहा कि संबंधित विभाग का किसी प्रकार अंकुश नही रहा है। इसलिए अब आनन फानन नही तो स्थायी रूप से समस्या हल करनी चाहिए। ऐसी मांग नागरिक कर रहे है।