प्रतीकात्मक तस्वीर
वर्धा. किशोरी का शारिरीक शोषण कर उसे गर्भवती बनानेवाले आरोपी सचिन जगन कोटेकर को अतिरिक्त विशेष जिला न्यायाधीश वी.टी. सूर्यवंशी ने दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई.
जानकारी के अनुसार, पीड़िता के माता-पिता खेत काम के लिए जाते थे. जिससे पीड़िता अकेली घर पर रहती थी. इसी अवसर का लाभ उठाकर अप्रैल 2018 में दोपहर के समय सचिन कोटेकर ने पीड़िता के घर में प्रवेश कर जबरन उसके साथ शारिरीक संबंध बनाए. आरोपी ने उसका तीन माह तक निरंतर उसका शोषण किया.
13 जुलाई 2018 को संदेह आने पर पीड़िता की प्रेगाटेस्ट किट द्वारा जांच करने पर वह गर्भवती होने की बात पता चली. जिसके बाद पीड़िता के परिजनों ने सचिन को शादी करने के लिए कहा. मात्र सचिन ने इंकार किया. तत्पश्चात परिजनों ने देवली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की. दरमियान पीड़िता ने बच्ची को जन्म दिया. प्रकरण की पुलिस उपनिरीक्षक देविदास ठमके ने जांच कर न्याप्रस्तुत किया. न्यायाधिश सूर्यवंशी ने दोनों पक्षों की दलील सुनी.
13 गवाहों के बयान जांचे गए. उक्त प्रकरण में एड. विनय आर. घुड़े ने सरकार की और से पैरवी की. उन्हें एड. स्वाति एन. गेडे (दोडके) ने सहयोग किया. पैरवी अधिकारी के रूप में भारती करंडे ने काम संभाला. पीडिता के पिता, वैद्यकीय अधिकारी के का बयान व रासायनिक विश्लेषक नागपुर की डीएनए रिपोर्ट के आधार पर न्यायाधीश वी.टी.सूर्यवंशी ने उक्त सजा सुनाई.