‘लंपी’से मृत्यु दर 6।07 प्रतिशत (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: लंपी स्किन डिजीज मवेशियों में फैलने वाला एक वायरल और संक्रामक रोग है। वर्तमान में यह रोग जिले में तेजी से फैल रहा है। अब तक इस बीमारी से 15 पशुओं की मौत हो चुकी है और जिले में लंपी से मृत्यु दर 6.07 प्रतिशत दर्ज की गई है। समय पर इलाज मिलने से 191 पशु पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, जबकि 41 पशुओं का इलाज अभी भी जारी है। विशेष बात यह है कि हिंगणघाट और समुद्रपूर तालुका में अगस्त के अंत तक लंपी का कोई मामला नहीं था। लेकिन सितंबर महीने में समुद्रपूर तालुका में भी लंपी संक्रमित पशु पाए गए हैं।
लंपी स्किन डिजीज निथलिंग वायरस के कारण होता है। इसके प्राथमिक लक्षणों में पशुओं को बुखार आना और त्वचा पर गांठें निकलना शामिल है। पशु चिकित्सकों के अनुसार, इस बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण एक प्रभावी उपाय है। कुछ समय पहले जिले में पशुओं को रोकथाम के लिए वैक्सीन भी दी गई थी। लेकिन बारिश के मौसम में यह बीमारी फिर से फैलने लगी है। अब तक वर्धा जिले के 76 गांवों में लंपी के मामले सामने आए हैं। इन गांवों में 247 पशु लंपी से संक्रमित पाए गए, जिनमें से 191 पशु समय पर इलाज के बाद ठीक हो गए हैं।
वहीं 15 पशुओं की मौत हो चुकी है और 41 पशुओं का इलाज जारी है। वर्ष 2022 में भी वर्धा जिले में लंपी ने कहर बरपाया था और अब यह बीमारी फिर से जानलेवा साबित हो रही है। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने पशुओं का सूक्ष्म निरीक्षण करें और लंपी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी सरकारी पशु चिकित्सालय में ले जाएं। जिले के 105 पशु चिकित्सालयों में पर्याप्त दवाओं का स्टॉक उपलब्ध है।
तेज बुखार आना, त्वचा पर 10 से 15 मिमी की गांठें, मुंह, नाक और आंखों में घाव, आंखों में घाव के कारण दृष्टि प्रभावित होना, चारा चबाने में कठिनाई, दूध उत्पादन में कमी, पैरों में सूजन और लंगड़ाना, गर्भवती पशुओं में गर्भपात का समावेश है़ संक्रमित पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें, गोशालाओं की नियमित सफाई करें, संक्रमित पशु दिखने पर तत्काल नजदीकी सरकारी पशु चिकित्सक से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह से ही उपचार करें।
लंपी रोग का सबसे अधिक प्रकोप आर्वी तालुका में देखा गया है। यहां के 22 गांवों में लंपी संक्रमित पशु मिले हैं। अब तक 108 पशु संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 76 पशु ठीक हो चुके हैं। 8 पशुओं की मौत हुई है और 22 का इलाज जारी है।
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जिला उपायुक्त पशुसंवर्धन एवं दुग्ध व्यवसाय डॉ. जगदीश बुकतरे ने कहा कि जिले के सात सात में लंपी स्किन डिजीज के मामले सामने आए हैं। समय पर इलाज से पशु पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं। पशुपालकों को चाहिए कि वे अपने पशुओं की देखभाल करें, गोठों की स्वच्छता बनाए रखें और किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।