वन्यजीव सप्ताह पर वर्धा में रैली का उद्घाटन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: देश के विकास तथा समृद्धि में पर्यावरण, वन्य प्रजाति तथा वन्यजीवों का महत्व है। यह भावी पीढ़ी को पता होना चाहिए. लेकिन आज की घड़ी में वन्यजीव व इंसान में संघर्ष निर्माण होने से पर्यावरण के साथ होने से वन्यजीवों का अधिवास पर खतरा मंडरा रहा है। ऐसे विचार इंद्रप्रस्थ न्यू आर्ट्स, कॉमर्स एंड साइंस कॉलेज में वन्यजीव सप्ताह निमित्त आयोजित ग्रीन रैली के उद्घाटन पर पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने व्यक्त किए। नई पीढ़ी में वन्यजीवों के बारे में जागृति निर्माण करने महाविद्यालय ने वन्यजीव सप्ताह का आयोजन किया है।
इस रैली को पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर, पूर्व सांसद रामदास तडस, जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव तथा न्यायाधीश विवेक देशमुख, विभागीय वनाधिकारी सुहास बढेकर, सहायक वन संरक्षक. दत्तात्रय लोंढे, शिक्षणाधिकारी जयश्री घारफलकर, आशिष गोस्वामी, हांडे गुरूजी, निसर्गसेवा समिति प्रमुख मुरलीधर बेलखोडे, एड.धीरज भोयर, डॉ.अभिजित वेरूलकर, प्राचार्य आशिष ससनकर ने हरी झंडी दिखाकर प्रारंभ किया।
सुबह 8.30 बजे इंद्रप्रस्थ महाविद्यालय से रैली का आरंभ हुआ। रैली में प्राचार्य विनीत इंदूरवाडे, प्राचार्य प्रशांत ताकधट, डॉ. प्रशांत कडवे, डॉ.हेमंत मिसाल, डॉ. प्रमोद आचेगावे, डॉ. मदन इंगले, डॉ. सुनील उरकुडकर व छात्र शामिल हुए थे। यह रैली आर्वी नाका के राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज की प्रतिमा को अभिवादन कर केलकर वाडी चौक मार्गे शिवाजी चौक में पहुंची. जहां शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यर्पण कर आरती चौक की ओर प्रस्थान कर महाविद्यालय में पहुंची। सफलतार्थ डॉ. वैभवी उघडे, प्रा. संदीप पेटारे, डॉ. ज्ञानेश्वर बोहरूपी, प्रा. प्रमोद तडस, प्रा. विक्रम निवल, प्रा. संदीप गिरडे, प्रा. दीपाली काले, प्रा. प्रफुल्ल अंबोरे का योगदान रहा।
ग्रीन रैली के प्रबंधन की जिम्मेदारी 246 प्राध्यापक ने संभाली। प्राचार्य डॉ. आशिष ससनकर ने प्रास्ताविक एवं प्रा. संदीप पेटारे ने संचालन किया। आभार प्रा. भारती येरने ने माना. इस अवसर पर पूर्व सांसद रामदास तडस ने कहा कि, इंसानी क्षेत्र में वन्यजीव घुस रहे है। कोई भी वन्यजीव स्वयं इंसान पर हमला नहीं करता। इंसान को अच्छा जीवन जिना है तो वन्यजीवों से मित्रता करें. ऐसे विचार वन्यजीव सप्ताह निमित्त आयोजित रैली के उद्घाटन प्रसंग पर व्यक्त किए। छात्रों ने आजू बाजू में होने वाले प्रकृति का आनंद लेते समय प्रकृति के वन्यजीवों की सुरक्षा कैसे होगी। इसका विचार करना आवश्यक है। ऐसे विचार एड.धीरज भोयर ने व्यक्त किए।
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प्राचार्य आशिष ससनकर ने कहा कि, आज की नई पीढ़ी प्रकृति से दूर जा रही। पिछले दो शतक में प्रकृति के नियम को दरकियार किया जा रहा है। जिससे वन्यजीवों के अधिवास का क्षेत्र कम होते जा रहा।जिससे इंसान और वन्यजीव का संबंध बिगड़ रहा है। इस ग्रीन रैली में 1500 छात्र हरा पोशाक पहनकर ढोलताशा की ध्वनी में शामिल होकर लेजिम, दिंडी तथा भजन के माध्यम से संदेश देते हुए शहर के विविध मार्ग से रैली जा रही थी। रैली में छात्रों ने विविध नारे लगाए। सचिव डॉ. अभिजित वेरूलकर ने कहा कि, वन्यजीवों के बजाए इंसान रह ही नही सकता। इंसान ने हमेशा याद रखना चाहिए। दो समय का भोजन हमें प्रकृति से ही मिलता है। वह अनाज और ऑक्सिजन के लिए वह प्रकृति पर निर्भर होता है।