वर्धा में बारिश कहर (सौजन्य-नवभारत)
Wardha News: पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने गिरड और कोरा क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार रात गिरड और कोरा क्षेत्र में हुई बादल फटने जैसी तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए। मंगलवार दोपहर 12 बजे के करीब कोरा क्षेत्र में जोरदार बारिश हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। इस बारिश के कारण कुछ मकानों की दीवारें भी ढह गईं।
बारिश की वजह से खेतों में खड़ी धान, सोयाबीन, कपास और तूर जैसी फसलें पानी में डूब गईं। किसानों की आंखों में आंसू हैं, क्योंकि एक ही पल में उनके महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है। गिरड क्षेत्र के मोहगांव, केसालापार, तावी, रासा, वानरचुवा, शिवणफल, जोगीनगुफा, उंदीरगांव और अंतरगांव जैसे गांवों के साथ-साथ कोरा क्षेत्र के कई गांवों को इस अतिवृष्टि का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।
नदी किनारे और नालों के पास की कृषि भूमि पर खड़ी फसलें बह गई हैं, जिससे किसानों पर आर्थिक संकट आ पड़ा है। कुछ गांवों में घरों की दीवारें गिर जाने से लोगों को रात में अपने पड़ोसियों के घर शरण लेनी पड़ी। अचानक हुई इस मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया था।
नदी-नालों के तेज बहाव के चलते लोगों का घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था। तहसीलदार कपिल हाटकर ने संबंधित मंडल अधिकारियों और तलाठियों को नुकसान का तुरंत पंचनामा करने के निर्देश दिए हैं। सरपंच संगठन के जिला प्रचार प्रमुख विलास नवघरे और किसानों ने सरकार से पंचनामा के आधार पर जल्द से जल्द आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
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जून-जुलाई महीने में अत्यधिक वर्षा के कारण फसलों की पहली ही हानि हो गई है। उसमें अगस्त महीने में लगातार बारिश होने के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें पीली पड़ रही हैं और नष्ट होने की कगार पर हैं। सरकार की ओर से अभी तक किसानों को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। ऊपर से फिर एक बार लगातार बारिश होने के कारण फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, जिससे किसानों पर आर्थिक संकट आ गया है। पीड़ित किसानों को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए, ऐसी मांग की जा रही है।