तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते ढीमर समाज के लोग (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Reservation Dispute: सुधारित आरक्षण और बिंदू नामावली विहित करते समय मच्छली मार ढीमर-भोई, केवट, कहार, बेस्ता, ओडेवार आदि घुमक्कड़ जनजाति का आरक्षण कम कर दिया गया। जिसके चलते इस प्रवर्ग के युवा अब पिछड़ने लगे है। सरकार द्वारा कम किया गया आरक्षण पूर्ववत करने की मांग को लेकर गड़चिरोली में ढीमर समाज के लोगों ने तहसील कार्यालय पर दस्तक दी। साथ ही आरक्षण पूर्ववत न करने पर जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकालने के साथ-साथ बेमियादी ठिया आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
संगठन की ओर से नायब तहसीलदार चंदु प्रधान को सौंपे गये ज्ञापन में बताया कि सरकारी निर्णय के तहत जिले में जिलास्तरीय गुट क और गुट ड संवर्ग के पदों के लिए सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गीय के आरक्षण के साथ सुधारित आरक्षण और बिंदू नामावली की प्रक्रिया चलाई गई। इस प्रक्रिया में घुमक्कड़ जनजाति का आरक्षण 2.5 प्रतिशत से सीधे 2 प्रतिशत कर दिया गया।
आरक्षण में कटौती कर सरकार ने इस प्रवर्ग के लोगों पर बड़ा अन्याय किया है। आज भी इस प्रवर्ग के लोग पारंपरिक तरीके से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे है। इन्हें न तो सामाजिक क्षेत्र में आरक्षण हैं और न ही शैक्षणिक क्षेत्र में आरक्षण के चलते विद्यार्थियों को बड़ी सहुलियत दी जाती है। वहीं अब तय आरक्षण में भी कटौती की जा रही है। इसी अन्याय के खिलाफ समाज बंधुओं ने यहां के तहसील कार्यालय पर दस्तक दी।
यह भी पढ़ें:- पुलिस को सम्पत्ति सील करने का अधिकार नहीं, अडवानी ढाबा मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया आदेश
इस समय गड़चिरोली तहसील ढीमर-भोई व तत्सम जनजाति संगठन के सचिव किशोर बावणे, जयश्री जराते, संगठन के तहसील अध्यक्ष देवेंद्र भोयर, उपाध्यक्ष चंद्रकांत भोयर, योगेश चापले, विनोद मेश्राम, किसन साखरे, रमेश गेडाम, प्रभाकर मेश्राम, तरकडू भोयर समेत अन्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।