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वर्धा. अनुसुचित जाति जनजाति अत्याचार प्रतिबंध अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति व जनजाति के पीड़ित व्यक्ति को राज्य सरकार की ओर से अर्थसहायता दी जाती है़ जिले में अब तक 762 पीड़ितों को करिब 6 करोड़ 13 लाख रुपए का राहत प्रदान की गई है़ सोमवार को जिला दक्षता व नियंत्रण समिति की बैठक बुलाई गई थी़ इस दौरान जिलाधिकारी राहुल कर्डिले प्रकरणों का जायजा लिया.
बैठक में जिलाधिकारी सहित जिप के मुकाअ डा़ सचिन ओम्बासे, अपर पुलिस अधीक्षक यशवंत सोलंके, समाज कल्याण के सहायक आयुक्त प्रसाद कुलकर्णी, जिला सूचना अधिकारी मंगेश वरकड, अशासकीय सदस्य धर्मपाल ताकसांडे व विविध विभाग के अधिकारी मौजूद थे.
अनुसुचित जाति जनजाति अत्याचार प्रतिबंध अधिनियम के अंतर्गत दाखिल प्रकरणों का जायजा लेने के लिए व उक्त जाति जनजाति के पीड़ितों को अर्थसहायता मंजूर करने के लिए जिला दक्षता व नियंत्रण समिति गठित की गई है़ उक्त समिति के समक्ष समय समय पर पेश किये गए प्रकरणों का जायजा लेकर पीड़िता को राहत मंजूर की जाती है़ उक्त कानून के तहत जिले में अब तक 1 हजार 93 मामले दर्ज हो चुके है़ पुलिस जांच के बाद अधिनियम के तहत पात्र पीड़ित व्यक्ति को अर्थसहायता मंजूर की जाती है़ अर्थसहायता मंजूर प्रकरणों में गालीगलौज, गंभीर मारपीट, विनयभंग, बलात्कार, हत्या का प्रयास व हत्या होने पर संबंधित पीड़ित व्यक्ति अथवा परिवार को 1 लाख से 8 लाख 25 हजार रुपए तक अर्थसहायता मंजूर की जाती है.
कानून के अंतर्गत मामला दर्ज होने पर विविध चरणों में राहत निधि का वितरण किया जाता है़ जिले में अब तक 762 पीड़ित लोगों को 6 करोड़ 13 लाख तक अर्थसहायता प्रदान की जाती है़ जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने कानून के अंतर्गत इस वर्ष दाखिल प्रकारणों का जायजा लिया गया़ जाति प्रमाणपत्र अथवा अन्य कागजाद के अभाव से अर्थसहायता प्रलंबित नहीं रहने देने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए. कागजाद के अभाव से प्रलंबित प्रकरणों पर विशेष ध्यान देकर इसे निपटाने के निर्देश दिये गए़ प्रलंबित प्रकरणों को गति देने के लिए आगामी बैठक के लिए सभी उपविभागीय अधिकारी, उपविभागीय पुलिस अधिकारियों को बुलाने की सूचना की गई.