वंदे मातरम' हमारा राष्ट्रगान होना चाहिए: रामगिरि महाराज (सौजन्यः सोशल मीडीया)
छत्रपति संभाजीनगर: आज-कल की राजनीति शब्दबाणों की राजनीति चल रही है। हर कोई अपने शब्दों के बाण चलाने को बेकाबू है। इस आधिकारिक स्थान पर आसनस्थ होते हुए जो बयान दिए जाते हैं, वे सोच-समझकर दिए जाएं, ऐसी सभी की अपेक्षा होती है। लेकिन क्या है कि जबान फिसल ही जाती है। राजनेताओं की तो जैसे यह आदत सी बन गई है। लेकिन अब इसमें धार्मिक नेता भी पीछे नहीं रहे हैं।
इससे पहले भी विवादित बयान देकर खुद विवादों में फंसे धार्मिक नेता रामगिरि महाराज की जुबान फिसल गई। इस बार अपने बयान से उन्होंने फिर बवाल मचा दिया। धार्मिक नेता रामगिरि महाराज ने कहा है कि भारत का राष्ट्रगान ‘वंदे मातरम’ होना चाहिए। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘जन गण मन’ मूल रूप से बंगाली में लिखा था। संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को इसके हिंदी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था।
रामगिरि महाराज ने मंगलवार को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में दावा किया, ‘‘यह गीत रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में कोलकाता में गाया था। उस समय देश स्वतंत्र नहीं था। उन्होंने इसे तत्कालीन ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम के सामने गाया था, जो भारत में अन्याय कर रहे थे। यह गीत देश को संबोधित नहीं था।” उन्होंने कहा, ‘‘हमें वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाने के लिए संघर्ष शुरू करना होगा। वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगान होना चाहिए।”
बाद में जब पत्रकारों ने उनसे इस विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछा तो रामगिरि महाराज ने कहा कि यह सम्मान या अनादर की बात नहीं है बल्कि सच बोलने की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सच बोलने को अनादर कहा जा रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।” रामगिरि की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार गुट के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने तो उन पर और भी भद्दी टिप्पणी कर दी।
महाराष्ट्र की खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि रामगिरि को जूते से पीटा जाए। अब उन्हें ‘जन गण मन’ पर भी आपत्ति है। तो उन्हें ‘राष्ट्रगान’ पर प्रतिबंध की मांग करनी चाहिए। अब ज्यादा हो गया है।” बता दें कि धार्मिक नेता रामगिरि महाराज ने पिछले साल पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था, जिसके बाद महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)