नवी मुंबई-जेवर नोएडा एयरपोर्ट (pic credit; social media)
Navi Mumbai-Jewar Noida Airport: भारत अब परिवहन के हर मोर्चे पर रफ्तार पकड़ रहा है। सड़क, रेल और जलमार्ग के साथ अब हवाई यात्रा भी नई उड़ान भरने जा रही है। देश में दो ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (जेवर) भविष्य के ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो भारत के एविएशन सेक्टर की दिशा ही बदल देंगे। ये दोनों एयरपोर्ट न सिर्फ भीड़ कम करेंगे, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगे।
नवी मुंबई के उल्वे इलाके में बन रहा यह एयरपोर्ट लगभग 2866 एकड़ में फैला है। पहले चरण में इसका लक्ष्य हर साल 2 करोड़ यात्रियों की क्षमता का है, जबकि पूर्ण क्षमता पर यह कई गुना बढ़ जाएगा। यहां दो ‘कोड एफ’ रनवे, एक आधुनिक संयुक्त टर्मिनल, और 66 चेक-इन काउंटर, 29 एयरोब्रिज, स्वचालित बैगेज सिस्टम और स्मार्ट तकनीक से लैस सुविधाएं होंगी।
इसका डिजाइन भारतीय संस्कृति के प्रतीक कमल के फूल से प्रेरित है। करीब 19,650 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2025 तक पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है। इसमें सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और जल पुनर्चक्रण जैसी ग्रीन टेक्नोलॉजी भी शामिल की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में बन रहा जेवर एयरपोर्ट दिल्ली से 72 किलोमीटर और ग्रेटर नोएडा से 28 किलोमीटर दूर है। यह भारत का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होगा। पहले चरण में दो रनवे और 1.2 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी, जबकि भविष्य में इसे 7 से 8 करोड़ यात्रियों के उपयोग के लिए विकसित किया जाएगा। यह एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेसवे, मेट्रो और आरआरटीएस से जुड़कर एक मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी हब बनेगा।
नवी मुंबई और जेवर दोनों ही शहरों में तेजी से औद्योगिक क्षेत्र, लॉजिस्टिक्स पार्क, होटल और वाणिज्यिक केंद्र विकसित हो रहे हैं। नवी मुंबई में उल्वे और पनवेल की जमीनों की मांग बढ़ रही है, जबकि जेवर क्षेत्र में रियल एस्टेट और औद्योगिक निवेश की बाढ़ आ चुकी है।
दोनों एयरपोर्ट के शुरू होने से न सिर्फ यात्रियों को सुविधा मिलेगी बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था, निर्यात और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी नया पंख मिलेगा। ये प्रोजेक्ट भारत के ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में असली ‘गेम चेंजर’ साबित होंगे।