प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Cyber Slavery Racket Busted: मीरा-भाईंदर और विसई विरार पुलिस आयुक्तालय के काशीमीरा क्राइम ब्रांच सेल-1 ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर-गुलामी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट के तहत भारतीय युवकों को थाईलैंड और म्यांमार भेजकर उन्हें साइबर धोखाधड़ी में शामिल किया जा रहा था।
आयुक्त निकेत कौशिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नयनगर निवासी आसिफ खान उर्फ नेपाली ने युवकों को म्यांमार भेजा, जहां उनके साथी अदनान शेख और अन्य सहयोगियों ने उन्हें यूयूएस नामक कंपनी में काम करने के लिए मजबूर किया।
पीड़ितों के अनुसार, चीनी नागरिक लियो और भारतीय नागरिक स्टीव अन्ना ने भारतीय लड़कियों के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर विदेशी निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन में निवेश के बहाने धोखा दिया।
पीड़ितों ने बताया कि उन्हें कंपनी की इमारत से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी और काम न करने पर उन्हें शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी। आरोपियों ने 5 भारतीय बैंक खातों से 7,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 6 लाख रुपये) की फिरौती वसूल की, जिसके बाद पीड़ितों को म्यांमार से रिहा किया गया।
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नयानगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 8 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने नयनगर से एजेंट आसिफ खान और सूरत से रोहित कुमार मरडाणा (विशाखापट्टनम, आंध्रप्रदेश) को गिरफ्तार किया।
यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय शिंदे, पुलिस उपायुक्त संदीप डोईफोडे, सहायक पुलिस आयुक्त मदन बल्लाल और क्राइम ब्रांच सेल-1 टीम के नेतृत्व में अंजाम दी गई। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में मामले की जांच जारी है।