एमआईडीसी ने पानी की दरें बढ़ाईं (pic credit; social media)
MIDC Water Rates Increased: महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) ने 1 सितंबर से पानी की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। नई दरों से न सिर्फ ठाणे जिले की औद्योगिक इकाइयों बल्कि आम नागरिकों पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस कदम के बाद उद्योगपतियों और जनता में नाराजगी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
एमआईडीसी द्वारा जारी किए गए परिपत्र के अनुसार आवासीय क्षेत्रों में पानी की दर 8.25 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर 9.25 रुपए कर दी गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में यह दर 22.50 रुपए से बढ़कर 25.25 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। वहीं, औद्योगिक उपयोगकर्ताओं के लिए पानी की दर 85 रुपए से बढ़ाकर 99 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है। इस बढ़ोतरी के पीछे एमआईडीसी का उद्देश्य पिछले साल हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करना है।
ठाणे जिले में एमआईडीसी ने सत्तर के दशक में अंबरनाथ और मुरचाड़ तहसील की सीमा के मध्य चारवां बांध बनाया था। इसी बांध से अंबरनाथ, बदलापुर, तलोजा, नवी मुंबई, डोंबिवली, उल्हासनगर और अन्य शहरों को जलापूर्ति की जाती है। पानी की बढ़ी हुई दरों से महकमे को करोड़ों रुपए की अतिरिक्त आय मिलने की उम्मीद है।
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एमआईडीसी के डोंबिवली कार्यालय के कार्यकारी अभियंता एस. पी. आव्हाड के हस्ताक्षर से यह नई दरें लागू की गई हैं। हालांकि पाइपलाइन फटने और पानी चोरी के कारण बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद होता है। समाजसेवी राजू नलावडे ने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि जो लोग नियमित रूप से बिल का भुगतान करते हैं, उन्हें पुराने रेट पर पानी उपलब्ध कराया जाए।
एमआईडीसी का कहना है कि शुल्क वृद्धि से विभाग को स्थिर वित्तीय स्थिति बनाए रखने में मदद मिलेगी। आगामी समय में भूखंडों और अन्य सेवाओं की दरें भी बढ़ाई जा सकती हैं।
नागरिकों और उद्योगपतियों के लिए यह बढ़ोतरी चिंता का विषय बन गई है। लोगों का कहना है कि पहले से महंगाई की मार झेल रहे हैं, ऐसे में पानी की बढ़ी हुई दरें उनकी जेब पर सीधा असर डालेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से उद्योगपतियों की लागत बढ़ेगी और इसका असर उत्पादन और रोज़गार पर भी पड़ सकता है।