सोयाबीन की फसल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Latur Kharif Crop Damage: सितंबर महीने में लगातार हो रही बारिश ने लातूर जिले के किसानों की हालत और खराब कर दी है। इस साल जिले में औसत से 25 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 13 सितंबर तक लातूर जिले में 870 मिमी बारिश हुई है, जबकि जिले का वार्षिक औसत पावस 695 मिमी है।
लगातार हो रही बारिश के कारण कई तालुकों में खरीफ हंगाम की फसलें पानी में डूब गई हैं, तो कहीं खेतों में खड़ी फसलें भी खराब होने लगी हैं। औसा, निलंगा, अहमदपुर और उदगीर तालुकों में सोयाबीन, मूंग, उड़द, तूर और कपास जैसी प्रमुख फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। जिले के लगभग 1 लाख हेक्टेयर में बोए गए सोयाबीन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। खेतों में पानी भरने से उग चुकी फसलें सड़ने लगी हैं।
किसानों के हाथ की फसल तैयार होने से पहले ही बारिश ने बड़ा झटका दिया है। हर साल कभी सूखा तो कभी अतिवृष्टि जैसी मुसीबतें किसानों को झेलनी पड़ती हैं। इस साल फसलें अच्छी आई थीं, लेकिन भारी बारिश ने मेहनत पर पानी फेर दिया। कई किसान पहले से कर्जदार हैं, ऐसे में उनकी आर्थिक मुश्किलें और बढ़ने की आशंका है।
यह भी पढ़ें:- जालना में तलाठी की शर्मनाक हरकत! फाइल पर साइन करने के लिए कर दी ये डिमांड, वायरल हुआ VIDEO
लातूर जिले में इस बार की बारिश ने खरीफ सीजन को गहरा धक्का दिया है। किसानों को अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बारिश की तीव्रता घटेगी, लेकिन सवाल यह है कि पहले से हुए नुकसान से वे कैसे उबरेंगे।
हालांकि लगातार बारिश के कारण जलाशय लबालब भरे हुए हैं। इस वर्ष चना, ज्वार, गेहूं और गन्ने की खेती के लिए प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध होने से रबी सीजन में बड़ी मात्रा में बुवाई की जाएगी। कृषि विभाग ने भी अनुमान लगाया है कि हर साल की तुलना में इस साल रबी के रकबे में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।