महावितरण (pic credit; social media)
Mahavitaran Number One: महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (महावितरण) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्धारित रैंकिंग में महावितरण को 100 में से 93 अंक मिले हैं और इस प्रदर्शन की बदौलत कंपनी को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्रा ने कहा कि यह सफलता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व और ऊर्जा राज्य मंत्री मेघना साकोरे बोर्डिकर के मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है।
ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आईसी और पावर फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने यह रैंकिंग तैयार की है। रैंकिंग के लिए पांच मानदंड तय किए गए थे, जिनमें संसाधन पर्याप्तता, ऊर्जा रूपांतरण, नियामक अनुपालन, वित्तीय स्थिरता और ‘जीवन व व्यवसाय में सुगमता’ शामिल थे। महावितरण ने तीन श्रेणियों में पूरे अंक हासिल किए। संसाधन पर्याप्तता में 32 में से 32, ऊर्जा रूपांतरण में 15 में से 15 और नियामक अनुपालन में 5 में से 5 अंक मिले। वित्तीय स्थिरता में 25 में से 24 अंक और ‘जीवन व व्यवसाय में सुगमता’ श्रेणी में 23 में से 17 अंक मिले।
पश्चिम भारत में इस रैंकिंग में महाराष्ट्र पहले स्थान पर रहा। मध्य प्रदेश को 84.5 अंक, गोवा और दादरा-नगर हवेली-दीव-दमन को 74 अंक, गुजरात को 67 अंक और छत्तीसगढ़ को 52 अंक प्राप्त हुए।
महावितरण की सफलता के पीछे कई प्रमुख ऊर्जा सुधार योजनाएं रही हैं। विशेषकर मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 3.0, जिसके तहत 16 हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। इसके अलावा राज्य ने देश में पहली बार व्यापक ऊर्जा परिवर्तन योजना तैयार की है, जिसके अंतर्गत अगले पांच वर्षों के लिए 45 हजार मेगावाट बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
महावितरण का दावा है कि अक्षय ऊर्जा पर जोर दिए जाने से अगले पांच वर्षों में 66 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी और इससे बिजली दरों में भी कमी आएगी। साथ ही आरएसएस योजना के तहत बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया है।
इन सभी सुधारों और बेहतर सेवा के कारण महावितरण को देशभर की रैंकिंग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ है, जिससे राज्य की ऊर्जा क्षेत्र में साख और भी मजबूत हुई है।