सरकारी शिक्षकों ने वेतन किया दान (pic credit; social media)
Maharashtra Flood: महाराष्ट्र में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सरकारी स्कूल शिक्षकों और मुंबई बीएमसी के इंजीनियरों ने आगे बढ़कर मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक दिन का वेतन दान करने का ऐलान किया है। यह कदम न केवल राहत कार्यों में मददगार साबित होगा, बल्कि समाज में एकजुटता और जिम्मेदारी का संदेश भी देगा।
मुंबई बीएमसी इंजीनियर्स एसोसिएशन ने आयुक्त भूषण गगरानी को पत्र लिखकर इस योजना की जानकारी दी। एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश भूटेकर ने पत्र में कहा कि बीएमसी के इंजीनियर एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करना चाहते हैं। उन्होंने अनुरोध किया है कि चालू माह के वेतन से संचित एक दिन का वेतन सीधे राहत कोष में स्थानांतरित किया जाए।
इसी प्रकार महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय लिया। शिक्षकों और इंजीनियरों के इस दान को शहर और राज्य में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
महाराष्ट्र में इस बार भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण कई जिलों में बाढ़ आई थी। बाढ़ के कारण हजारों परिवार प्रभावित हुए और उन्हें तत्काल राहत एवं सहायता की आवश्यकता पड़ी। ऐसे समय में सरकारी कर्मचारियों का यह योगदान पीड़ितों के लिए राहत का एक बड़ा माध्यम साबित होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कदम न केवल आपातकालीन राहत में मदद करते हैं, बल्कि समाज में आपसी सहयोग और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा देते हैं। बीएमसी और स्कूल प्रशासन ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह की योजनाओं से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत और सहायता पहुंचाने में मदद मिलती है।
शिक्षकों और इंजीनियरों ने कहा कि वे भविष्य में भी आपदा प्रभावितों की मदद के लिए इसी तरह के सामाजिक और आर्थिक योगदान देने के लिए तत्पर रहेंगे। इस कदम से न केवल बाढ़ प्रभावितों को राहत मिलेगी बल्कि शहर में एकजुटता और सहयोग की भावना को भी बल मिलेगा।