गोंदिया में कचरे का अंबार (फोटो: नवभारत)
Gondia Waste Management News: गोंदिया में स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने के लिए सरकार ने बड़ी योजना बनाई है। इसके लिए करोड़ों रुपए की निधि भी उपलब्ध कराई गई। लेकिन नगर परिषद की अनदेखी के कारण गीला कचरा और सूखा कचरा व्यवस्थापन जैसी योजना बेकार हो गई है।
शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सरकारी स्तर पर स्वच्छता योजनाएं बड़े जोर-शोर से लागू की गईं। इसके साथ ही लाखों रु। की निधि से नगर परिषद ने शहर के प्रत्येक घर को गीला और सूखा कचरा एकत्र करने के लिए दो अलग-अलग डस्टबिन प्रदान किए।
शहरों के चौराहों पर न केवल बड़े कूड़ेदान लगाए गए, बल्कि स्कूलों और कॉलेजों के पास तथा प्रत्येक व्यस्त चौराहे पर गीले और सूखे कचरे के निपटान के लिए छोटे कूड़ेदान भी लगाए गए। यहां तक कि घंटागाड़ी द्वारा घर-घर जाकर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जाता था।
गीले और सूखे कचरे को भी अलग-अलग व्यवस्थापन किया गया। यह सब देखकर लोगों को यह एहसास होने लगा था कि शहर अब स्मार्ट सिटी बन गया है।
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गोंदिया नगर परिषद पर प्रशासक राज शुरू होने के बाद से यह योजना बेकार हो गई है। नप द्वारा उपलब्ध कराए गए डस्टबिन गायब हो गए हैं। हर चौराहे से कूड़ेदान भी गायब हो गए हैं। जिससे अब किसी भी सड़क पर गीला व सूखा कचरा देखा जा सकता। शहर में कचरे की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। कई सड़कों पर कूड़ा कचरा बिखरा पड़ा हुआ है। जिससे गंदगी का माहौल व्याप्त हो गया है।