अमित शाह का महाराष्ट्र दौरा (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: महाराष्ट्र की मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक सहित महाराष्ट्र की अन्य मनपाओं एवं निकायों के बहुप्रतिक्षित चुनाव जल्द होने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो चुका है। इन चुनावों के कार्यक्रम चुनाव आयोग जल्द ही घोषित कर सकता है। इसी पृष्ठभूमि में राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। निकाय चुनावों को लेकर बीजेपी का एजेंडा भी सामने आ गया है।
सूत्रों का दावा है कि बीजेपी मुंबई और ठाणे महानगर पालिका पर अपना एक छत्र राज चाहती है। इसलिए मुंबई और ठाणे मनपा के चुनाव बीजेपी अपने दम पर लड़ सकती है। इसके लिए संभावनाओं को टटोलने का निर्देश केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरे सबसे बड़े नेता माने जानेवाले अमित शाह ने अपने तीन दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान मंगलवार को मुंबई में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुंबई और ठाणे महानगर पालिकाओं के चुनाव के संदर्भ में मंथन किया था। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ मानेजानेवाले ठाणे में बीजेपी को बहुत ज्यादा अवसर मिलने की उम्मीद नहीं है तो वहीं मुंबई मनपा में भी शिंदे 100 सीटों की मांग कर रहे हैं।
क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना एवं कांग्रेस के 80 से ज्यादा पूर्व नगरसेवक शिंदे की शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। सीटींग नगर सेवक के फार्मूले के हिसाब से उन सीटों पर शिंदे दावा करेंगे ही। इसके अलावा अन्य इच्छुकों के लिए भी शिंदे कुछ अतिरिक्त सीटें हासिल करने का प्रयास करेंगे।
देश की सबसे बड़ी और अमीर महानगरपालिका अर्थात मुंबई मनपा पर बीजेपी इस बार किसी भी कीमत पर अपना महापौर बैठाना चाहती है। इसके लिए बीजेपी ने कम से कम 150 उम्मीदवारों को मनपा में भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 227 नगरसेवकों वाली मनपा में 100 सीटें उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना को देनी पड़े, उस पर अजित पवार की राकां भी कुछ सीटों पर दावा करेगी तो बीजेपी के 150 नगरसेवकों का लक्ष्य नामुमकिन हो जाएगा। ऐसे में शाह ने बीजेपी को मुंबई और ठाणे में अपने बल पर चुनाव लड़ने की संभावनाओं को टटोलने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं।
महायुति में तय हो लक्ष्मण रेखा, भुजबल की एंट्री से अजित पवार नाराज, शाह से अकेले में की मुलाकात
मुंबई, ठाणे की तरह पुणे मनपा पर भी महायुति में सस्पेंस बरकरार है। पुणे में अजित पवार की राकां की की ताकत शुरू से अच्छी रही है। लेकिन पिछले चुनाव में पुणे बीजेपी के भी 100 से ज्यादा नगरसेवक चुने गए थे। ऐसे में पुणे में अजित के साथ बीजेपी को सीट बंटवारे पर जबरदस्त रस्साकशी करनी पड़ सकती है। साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर सीटों के बंटवारे का गणित गड़बड़ा सकता है। इसलिए पुणे में भी बीजेपी मनपा चुनाव अपने दम पर लड़ने की संभावना तलाश रही है।