(फाइल फोटो)
मुंबई : बोरीवली और ठाणे के बीच यात्रा के समय को कम करने के लिए अंडरग्राउंड ट्विन टनल का निर्माण किया जा रहा है, जो की संजय गांधी नेशनल पार्क के नीचे से गुजरने वाला है। अब इस प्रोजेक्ट को गति मिल गई है, क्योंकि वन विभाग ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) को 35.56 हेक्टेयर वन भूमि प्रदान कर दी है। यह जमीन ठाणे और बोरीवली के दोनों छोर पर फैली हुई है, जहां सुरंग बनाने का काम होगा।
भूमि का यह ट्रांसफर इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उस जमीन पर रहने वाले 500 से 700 परिवारों का पुनर्वास भी शामिल है, जिसके लिए एमएमआरडीए के अधिकारी ने नोटिस भी जारी कर दी है, जिसमें वन भूमि सौंपने के बारे में सूचित किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, ठाणे छोर पर सात गांवों और बोरीवली छोर पर एक गांव के निवासियों को पुनर्वसित किया जाएगा। एमएमआरडीए कुछ लोगों को इन-सीटू पुनर्वास और कुछ परिवारों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। ठाणे में मानपाड़ा, माजीवाडा, बोरीवाडे, येऊर और चेने गांवों के कुछ हिस्से और बोरीवली में मगाथाने के एक हिस्से को इस सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित किया जाएगा।
इस परियोजना के लिए टनल-बोरिंग मशीन (टीबीएम) अगले साल ही आने की उम्मीद है, क्योंकि वर्तमान में सरकारी अधिकारी निजी और वन भूमि दोनों के अधिग्रहण और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। टीबीएम का इस्तेमाल नेशनल पार्क में हरियाली को बनाए रखने के लिए किया जाएगा। बता दें कि टनल बनाने का काम अलग-अलग पैकेजों के साथ तीन चरणों में किया जाएगा।
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ठाणे- बोरीवली टनल प्रोजेक्ट की लागत 18,800 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसकी कुल लंबाई 11.8 किमी होगी जिसमें सुरंग-10.25 किमी और एप्रोच रोड 1.55 किमी शामिल है। सुरंग का बाहरी व्यास 13.05 मीटर होगा। इसमें 2 सुरंगें जिसमें प्रत्येक 2 लेन की होगी और एक आपातकालीन लेन होगी। टनल में प्रत्येक 300 मीटर पर क्रॉस पैसेज होंगे। जमीन के नीचे सुरंग की गहराई 23 मीटर होगी।