पीएम मोदी जिसे भी छूते हैं वह गिर जाती है
मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक राजकोट किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को ढह गई। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। लेकिन महज 8 महीने पहले के मुर्ति ढहने को लेकर लोगों में आक्रोश नजर आ रहा है। वहीं, सत्तापक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावार है और शिंदे सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे है। इस बीच ठाकरे गुट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी जिसको हाथ लगाते है, वह ढह जाती है। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में “महाराज, इन चोरों को कोई माफी नहीं” शिर्षक के साथ लिखे संपादकीय में इस बात का जिक्र किया है।
मुख्यमंत्री शिंदे मुस्कुराकर कह रहे है कि वह राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज ती नई प्रतिमा लगाएंगे। ये बेशर्मी की हद है। तुम्हारे पापी हाथ दोबारा शिवाजी महाराज के मुर्ति को न छुएं। तुम्हारे पाप की कमाई का एक भी पैसा इस पवित्र काम में नहीं लगना चाहिए। सिंधुदुर्ग किला महाराज के पराक्रम का गवाह है। सिंधुदुर्ग ने महाराष्ट्र को युद्ध की प्रेरना दी है। उस किले पपर लगी मुर्ति ढह गई। सीएम मिंधे आप माफी के काबिल नहीं है, आपको प्रायश्चित करना होगा। लेकिन आप सत्ता से बेदखल किए जाओगे और शिवभक्त ही आपको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे।
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शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई जिसका अर्थ महाराष्ट्र की आन, बान और शान ढह गई। मूर्ति को बनाने से पहले चेतावनी दी गई थी कि इसे इतने जल्दी न बनाएं, फिर भी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रतिमा का जल्दी अनावरण किया गया। वह मूर्ति आज नहीं रही। इसके टूटे हुए अवशेषों को देखना मराठी लोगों का भाग्य था। जब प्रधानमंत्री 4 दिसंबर 2023 को प्रतिमा का अनावरण किया, तब उन्होंने शिवाजी के विचारों के महत्व पर जोर दिया था। लेकिन महाराज भ्रष्टाचार और व्याभिचार से घृणा करते थे और ऐसे अपराध करने वालों को उनके दरबार में क्षमा नहीं किया जाता था।
संपादकीय में आगे कहा गया है कि ऐसे शासकों द्वारा बनवाई शिवाजी की मुर्ति गिर गई है। महाराष्ट्र की जनता को इसके पिछे का मतलब और संकेत को समजना चाहिए। प्रधानमंत्री जिस चिज को छुते है, वह ढहती नजर आती है। उनके कार्यकाल में बनाए गए एयरपोर्ट, पुल, अयोध्या का राम मंदिर और संसद भवन में लीक हो रहा है। सत्तर साल में पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो अपने ही कार्यकाल में अपने ही हाथों से बनाई वस्तुएं ढहते देख रहे हैं। अब छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा ढह गई।