गडचिरोली लोकसभा चुनाव 2024 (फाइल फोटो)
मुंबई : महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (Maharashtra Legislative Council Elections ) के लिए सोमवार को होने वाले मतदान से पहले जारी राजनीतिक बैठकों के बीच, सत्तारूढ़ शिवसेना के विधायकों ने अपने नेतृत्व से स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपने अतिरिक्त वोट सहयोगी दलों कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवारों को हस्तांतरित नहीं करना चाहते। पार्टी के एक विधायक ने अपना नाम गोपनीय रखे जाने की शर्त पर मीडिया से रविवार को कहा, ‘यह शिवसेना विधायकों की राय है। देखते हैं कि नेतृत्व क्या फैसला करता है। शिवसेना के पास छह-सात अतिरिक्त वोट हैं।’
विधायक ने कहा कि शिवसेना के विधायक 10 जून को राज्यसभा चुनाव में झटका लगने के मद्देनजर कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहते। राज्यसभा चुनाव की मतगणना में पहले दौर में आगे चल रहे पार्टी के दूसरे उम्मीदवार संजय पवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के धनंजय महाडिक ने हरा दिया था। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सामने अब विधान परिषद चुनाव में अपने सभी छह उम्मीदवारों को जिताने की चुनौती है। तीनों सत्तारूढ दलों और भाजपा के विधायक चुनाव से पहले मुंबई पहुंच गए हैं। उन्हें शहर के विभिन्न स्थानों में होटलों में ठहराया गया है। एमवीए के सहयोगी दल और भाजपा चुनाव जीतने के लिए अपनी रणनीति तैयार करने के मकसद से विचार-विमर्श कर रहे हैं तथा ये दल छोटे दलों और निर्दलीय नेताओं से बात कर रहे हैं।
सत्तारूढ़ सहयोगी दलों के नेता मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से शाम को मुलाकात करेंगे। विधान परिषद के नौ सदस्यों का कार्यकाल सात जुलाई को समाप्त होने वाला है जबकि 10वीं सीट पर इस साल की शुरुआत में भाजपा के एक सदस्य के निधन के कारण चुनाव कराया जा रहा है। इन सीटों के लिये सोमवार को मतदान होना है। इन 10 सीटों के लिये कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। एमवीए में शामिल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाजपा ने पांच उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इससे पहले 10 जून को राज्यसभा की छह सीटों के लिये हुए चुनाव में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और संख्याबल एमवीए के पक्ष में होने के बावजूद पार्टी ने तीनों सीटें जीत ली थीं। अगले सप्ताह होने वाले विधान परिषद चुनाव के इसलिये और दिलचस्प होने की उम्मीद है क्योंकि इसमें गुप्त मतपत्रों के जरिये मतदान किया जाएगा।
राज्यसभा चुनाव में सदस्यों को अपनी-अपनी पार्टी द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि को अपना मतपत्र दिखाना होता है, लेकिन विधान परिषद चुनाव में मतपत्र को गुप्त रखा जाएगा, जिसके चलते ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंका बढ़ गई है। साथ ही इस बात को लेकर भी संशय बढ़ गया है कि निर्दलीय सदस्य किसे अपना वोट देंगे। महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की संख्या फिलहाल 285 है। छोटे दलों और निर्दलीय के खाते में 25 विधायक हैं। विधान परिषद चुनाव में किसी उम्मीदवार को जीत के लिये प्रथम प्राथमिकता के 26 वोट की जरूरत होगी। भाजपा के पास 106, शिवसेना के पास 55, कांग्रेस के पास 44 और राकांपा के पास 52 विधायक हैं। भाजपा ने चुनाव में पांच उम्मीदवार उतारे हैं और वह अपने संख्या बल के दम पर चार सीटों पर जीत हासिल कर सकती है जबकि दो-दो उम्मीदवार उतारने वालीं शिवसेना और राकांपा को दो-दो सीटों पर जीत मिल सकती है। हालांकि दो उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस अपने संख्या बल के दम पर केवल एक सीट जीत सकती है। दूसरी सीट पर जीत हासिल करने के लिये उसे निर्दलीय सदस्यों और छोटे दलों का समर्थन हासिल करना होगा। (एजेंसी)