एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में प्राचीन व ऐतिहासिक संरचनाओं को नुकसान पहुंचाने वालों की अब खैर नहीं। शिंदे कैबिनेट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए प्राचीन व ऐतिहासिक संरचनाओं को नुकसान पहुंचाने पर दो साल की जेल और एक लाख अर्थदंड के प्रावधान को मंजूरी दे दी हैं। सरकार ने ऐतिहासिक इमारतों और ऐसी संरचनाओं को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव करीब आने से राज्य की राजनीति गरमाने लगी है। एक तरफ रोजगार, सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक मोर्चे पर विपक्ष राज्य सरकार को नाकाम घोषित करते हुए आलोचनाओं आलोचनाओं में व्यस्त है तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्ववाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार निरंतर कैबिनेट बैठकें करके लोकलुभावन निर्णयों की झड़ी लगा रही है।
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राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक बार फिर से कैबिनेट बैठक में राज्य का गैर कृषि (एनए) कर्ज पूरी तरह माफ करने एवं जैन, बौद्ध, बारी, तेली, हिंदू खटीक, लोनारी समाज के लिए महामंडल आदि की घोषणा सहित 33 बड़े निर्णय लेकर चुनाव से पहले सभी को साधने के अपने मंसूबे को साफ कर दिया है।
बीते सोमवार को मराठा आरक्षण पर शिंदे समिति की दूसरी और तीसरी रिपोर्ट को मंजूरी देने तथा देशी गायों को ‘गोमाता राज्यमाता’ घोषित करने जैसे 38 निर्णय लेने वाली महायुति कैबिनेट ने एक सप्ताह में दूसरी बार बैठक करके 33 और निर्णयों की घोषणा कर दी।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में राज्य में किसानों के गैर-कृषि करों को पूरी तरह माफ करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से राज्य की जनता गैर-कृषि कराधान के बोझ से पूरी तरह मुक्त हो जाएगी।
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मौजूदा समय में गांव की भूमि पर गैर-कृषि कर स्थायी रूप से माफ कर दिया गया है। लेकिन चूंकि गांवों के बाहर आवासीय मकानों की संख्या बढ़ रही है और शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतें बढ़ रही हैं, इसलिए ऐसी इमारतों के तहत भूमि पर संपूर्ण गैर-कृषि कर समाप्त करने का निर्णय लिया गया। इसी तरह, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपयोग के तहत भूमि पर गैर-कृषि कर समाप्त कर दिया जाएगा।