कौन है असली NCP का मालिक
नई दिल्ली: आज यानी 15 अक्टुबर को अजीत पवार गुट और शरद पवार गुट के बीच असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को लेकर चल रहे घमासान के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
हालांकि बीते 1 अक्टूबर को भी इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्जवल भुइयां की बेंच मामले को बिना सुने ही उठ गई थी।वहीं उससे पहले बीते 25 सितंबर को हुई सुनवाई में शरद पवार NCP गुट के वकील ने अपील की थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले का निपटारा किया जाए ।
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जानकारी दें कि बीते 25 सितंबर की सुनवाई के दौरान शरद पवार के वकील ने दावा किया था कि अजित पवार ने शरद पवार को अपना भगवान बताया है और कहा है कि वे सभी एक साथ हैं। वकील ने यह भी कहा कि, अजित पवार गुट ने अदालत के पिछले आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए कोर्ट अजित पवार गुट को विधानसभा चुनावों के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए अप्लाई करने का निर्देश करे।
पता हो कि, शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके चुनाव आयोग के 6 फरवरी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अजित पवार समूह को आधिकारिक तौर पर असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की मान्यता दी गई थी और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ बी आवंटित किया गया था।
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वहीं शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की भी मांग की थी, ताकि अजित पवार गुट को NCP और उसके चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ का इस्तेमाल करने से रोका भी जा सके।
जानकारी दें कि, इस बाबत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने कहा था कि उनकी लड़ाई तब तक खत्म नहीं होगी जब तक वह अपने पिता शरद पवार की बनाई पार्टी और चुनाव चिह्न उन्हें वापस नहीं दिला देतीं।
गौरतलब है कि शरद पवार की पार्टी NCP बीते साल जुलाई में तब टूट गई थी जब अजित पवार और आठ विधायक एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। बाद में निर्वाचन आयोग ने उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ दे दी, जबकि शरद पवार के गुट का नाम NCP (SP) रखा गया और उसे चुनाव चिह्न ‘तुतारी बजाता हुआ आदमी’ आवंटित किया गया।