कश्मीरा पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Fake PMO Advisor Kashmira Pawar Case: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की फर्जी राष्ट्रीय सलाहकार बनकर लोगों को ठगने के आरोप में पिछले साल गिरफ्तार की गई एक ठग महिला से जुड़े मामले की जांच में सामने आया है कि उसके द्वारा संचालित एक बैंक खाते में पुणे की एक फर्म से 1.3 करोड़ रुपये आए थे। यह फर्म महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी द्वारा चलाई जाती है।
पिछले साल सातारा पुलिस ने 30 वर्षीय कश्मीरा पवार को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि उसने पीएमओ की सलाहकार बनकर लोगों से सरकारी टेंडर दिलवाने का वादा किया और उनसे इंडियन सप्लाइज नामक फर्म के खाते में भारी रकम जमा करवाने को कहा।
केस फाइलों के अनुसार अनुप्रिता सोलंकी की श्री लक्ष्मी ट्रेडर्स नामक फर्म ने 7 अक्तूबर 2020 को 1।3 करोड़ रुपये का चेक इंडियन सप्लाइज के एसबीआई खाते में ट्रांसफर किया था। अनुप्रिता महाराष्ट्र सरकार के समाज कल्याण विभाग में क्षेत्रीय उप आयुक्त बालासाहेब सोलंकी की पत्नी हैं।
अनुप्रिता ने बताया कि मुझे पैसे वापस नहीं मिले। मुझे आश्वासन दिया गया था कि पैसे लौटा दिए जाएंगे। मैंने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। सातारा मेरा ससुराल है इसलिए मैं कश्मीरा को पारिवारिक मित्र के रूप में जानती थी। मुझे किसी ने ठगा नहीं है।
अनुप्रिता ने पुलिस को बयान दिया है कि उन्हें कश्मीरा या किसी और से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि उनका बिजनेस पूरे भारत में ऑर्डर के मुताबिक खाद्यान्न सप्लाई करने का है।
मामले से जुड़े एक सूत्र के अनुसार कश्मीरा ने कथित रूप से अनुप्रिता के पति बालासाहेब और अन्य लोगों के साथ पुणे स्थित समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में बैठकें की थीं। पुलिस द्वारा सातारा कोर्ट में दायर चार्जशीट में कुछ व्हाट्सऐप चैट भी शामिल हैं जिनमें उसने कई बार “सोलंकी साहेब” का उल्लेख किया गया है।
बालासाहेब सोलंकी फिलहाल मुंबई में पदस्थापित हैं। उन्होंने कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। फर्म से जुड़ी जो भी बातें थीं वो पुलिस को बता दी गई हैं।
सातारा के पुलिस निरीक्षक और जांच अधिकारी अरुण देवकर ने कहा कि इस मामले की जांच बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में हुई है। किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिली है। धोखाधड़ी की कुल रकम लगभग 50 करोड़ रुपये है।
जिन लोगों ने आरोपियों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए उनके बयान दर्ज किए गए हैं। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें पैसे वापस मिले है।अनुप्रिया सोलंकी ने बयान दिया है कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है। ‘इंडियन सप्लाइज’ के खाते से ज्यादातर पैसा निकाला जा चुका है।
21 अक्टूबर 2024 को पुणे की रहने वाली सुषमा खमकर ने सातारा सिटी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसी दिन पुलिस ने कश्मीरा उसके साथी गणेश (36) और चार अन्य लोगों को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। बाकी आरोपी हैं अमित वेडांडे (35), राधा झालके (34), दशरथ जाधव (46), अनीता जाधव (28), सभी जेल में हैं।
खुद को कश्मीरा का निजी सहायक बताने वालर एक आरोपी युवराज झालके फरार है। एफआईआर के मुताबिक कश्मीरा ने खमकर को महाराष्ट्र में स्कूल यूनिफॉर्म सप्लाई का टेंडर दिलवाने का झांसा दिया और इंडियन सप्लाइज नाम से खाता खुलवाया। बाद में उसने पासबुक, चेकबुक अपने कब्जे में लेकर बड़े लेन-देन करने के नाम पर इस्तेमाल किया।
जनवरी 2020 से फरवरी 2022 तक इंडियन सप्लाइज खाते से लगभग 14.73 करोड़ रुपये के लेन-देन हुए। इसमें अनुप्रिता सोलंकी की फर्म द्वारा जमा किया गया 1.3 करोड़ रुपये भी शामिल है।
पुलिस ने उन पत्रकारों के बयान भी दर्ज किए हैं जिन्होंने दिसंबर 2017 में खबर दी थी कि कश्मीरा को पीएमओ में राष्ट्रीय सलाहकार नियुक्त किया गया है और उसने सातारा कलेक्टर ऑफिस से एनएसए अजित डोभाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी।
चार्जशीट में नकली दस्तावेज, पीएम मोदी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के फर्जी हस्ताक्षर वाले पत्र और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के साथ कश्मीरा की तस्वीर भी शामिल है।
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र में 1.5 लाख शिक्षकों की सैलरी पर लगी रोक! शालार्थ आईडी घोटाले जांच हुई तेज
पुलिस ने पीएमओ, राष्ट्रपति भवन, गृह मंत्रालय, लोकसभा और उत्तर प्रदेश व बिहार सरकारों से संपर्क कर पुष्टि की कि कश्मीरा को कभी कोई पद नहीं मिला था और उसके द्वारा दिखाए गए टेंडर पेपर्स भी फर्जी थे। कश्मीरा ने पुलिस को बताया कि उसने समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री की है।
सातारा के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने कहा कि कश्मीरा और उसके साथियों पर सातारा में तीन धोखाधड़ी के केस और पुणे में एक केस दर्ज है। तीनों मामलों में चार्जशीट दायर हो चुकी है। पहली शिकायत दिसंबर 2022 में सातारा के होटल व्यवसायी फिलिप भंबल ने दर्ज कराई थी।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 170 में अज्ञात व्यक्ति पर केस दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने जून 2024 में कश्मीरा और गणेश को गिरफ्तार किया लेकिन अगले दिन उन्हें जमानत मिल गई। इसके बाद जुलाई 2024 में हाई कोर्ट ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए और मामले को कोल्हापुर बेंच में ट्रांसफर कर दिया।