काेबरा सांप (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Forest Department: महाराष्ट्र वन विभाग के एक फैसले से बवाल मच गया है। विभाग ने सांगली जिले की शिराला तहसील से 21 नर भारतीय कोबरा को शैक्षणिक उद्देश्यों से 5 दिन के लिए पकड़ने की अनुमति दे दी है। इस कदम की वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है। नाग पंचमी के त्योहार की पूर्व संध्या पर सोमवार शाम सांपों को पकड़ने की अनुमति देने वाला सरकारी आदेश जारी किया गया।
इस आदेश पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन एम. श्रीनिवास राव ने हस्ताक्षर किए हैं। नाग पंचमी के दिन पारंपरिक रूप से सांपों की पूजा की जाती है।
वन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, व्यक्तियों को 27 से 31 जुलाई के बीच शिराला वन क्षेत्र से 21 नर भारतीय कोबरा को शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए पकड़ने की अनुमति है। इसमें कहा गया है कि इन सरीसृपों को स्वीकृत अवधि के बाद उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया जाए।
इस आदेश के समय को लेकर वन्यजीव संरक्षणवादियों ने विरोध जताया है। इस समय शिराला में मौजूद कोल्हापुर के एक वन्यजीव कार्यकर्ता ने दावा किया कि ग्रामीणों ने पहले ही कई सांपों को पकड़ लिया है। यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 का पूर्ण उल्लंघन है। कौन गिनेगा कि वास्तव में कितने सांप पकड़े गए और कितने बाद में छोड़े गए?
शिराला पश्चिमी महाराष्ट्र में सांपों, खासकर भारतीय नागों के साथ लंबे समय से अपने जुड़ाव के लिए प्रसिद्ध है। शिराला को बत्तीस शिराला के नाम से भी जाना जाता है। परंपरागत रूप से ग्रामीण नाग पंचमी से पहले इन सरीसृपों को पकड़ते थे, त्योहार पर उनकी पूजा करते थे और बाद में उन्हें छोड़ देते थे।
कोल्हापुर के एक वरिष्ठ वन्यजीव कार्यकर्ता ने कहा कि समय के साथ सांपों की पूजा अधिक व्यापक होती गई। कई सांपों के साथ गलत व्यवहार किया गया, जिससे वे स्थायी रूप से घायल हो गए। कुछ सांपों की तो अवैध रूप से तस्करी भी की गई।
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र के गांवों की होगी कायापलट, फडणवीस कैबिनेट में हुए ये अहम निर्णय
बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसने 2002 में जीवित सांपों को पकड़ने और उनकी पूजा करने पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, कार्यकर्ताओं को आशंका है कि अंतिम क्षण में अनुमति जारी करने का वन विभाग का नवीनतम आदेश उस फैसले को दरकिनार करने का प्रयास हो सकता है, जिससे कानूनी सहारा सीमित हो जाएगा।
शिराला से पहली बार भाजपा विधायक बने सत्यजीत देशमुख ने राज्य विधानमंडल के हाल ही में संपन्न मानसून सत्र के दौरान सरकार से नाग पंचमी के दौरान सांपों को पकड़ने और उनकी पूजा करने की पारंपरिक प्रथा को फिर से शुरू करने के लिए कानूनी रास्ते तलाशने का आग्रह किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)