रत्नागिरी रेलवे स्टेशन की नवनिर्मित छत हुई क्षतिग्रस्त (सोर्स: वीडियो)
मुंबई: कोंकण क्षेत्र में रविवार को हुई तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। बारिश के कारण रत्नागिरी रेलवे स्टेशन की नवनिर्मित ढलवा छत क्षतिग्रस्त हो गई। रविवार शाम तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण रत्नागिरी रेलवे स्टेशन की टिन की चादरें उड़ गईं और इमारत की ढलवा छत गिर गई, जिससे नवनिर्मित छत का लगभग 15 से 20 वर्ग फुट हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
कोंकण रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू की गई सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत रत्नागिरी रेलवे स्टेशन के पश्चिमी प्रवेश द्वार पर इस संरचना का निर्माण हुआ था और यह काम अभी पूरा होना बाकी है। इस घटना का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हाे रहा है, जिसमें इमारत की ढलवा छत लटकती हुई और बाद में गिरती हुई दिखाई दे रही है। वायरल वीडियो में पूरी छत हवा के साथ हिलती हुई दिखाई दे रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने रत्नागिरी रेवले स्टेशन का वीडियाे शेयर करते हुए लिखा कि “छत्रपति शिवाजी की मूर्ति हो या रत्नागिरी रेलवे स्टेशन, उनके भ्रष्टाचार से कुछ नहीं बचा।”
रत्नागिरी ,महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी की मूर्ति हो या रत्नागिरी रेलवे स्टेशन
उनके भ्रष्टाचार से कुछ नहीं बचा 🙏 pic.twitter.com/uM9iEWbGAl — Atul Londhe Patil (INDIA Ka Parivar)🇮🇳 (@atullondhe) October 7, 2024
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि “पूरा काम पूरा होने से पहले ही छत क्षतिग्रस्त हो गई है।” उन्होंने बताया कि रेलवे को कुडाल और सिंधुदुर्ग नगरी रेलवे स्टेशन से पानी के रिसाव की भी शिकायतें मिली हैं। अधिकारी ने कहा कि यात्री कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।
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कोंकण रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि यह काम लोक निर्माण विभाग कर रहा है, इसलिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नुकसान की सूचना है। विभाग ने लगभग 36 रेलवे स्टेशन के अग्रभाग और प्रवेश द्वार के सौंदर्यीकरण के लिए कोंकण रेलवे के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने सरकार पर भष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ”उद्घाटन से ठीक दो दिन पहले रत्नागिरी में सौंदर्यीकरण गड़बड़ा गया है। लेकिन सत्ता के मद में डूबी महागठबंधन सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है। सत्ता की लालसा खो चुकी महागठबंधन सरकार ने बुनियादी ढांचे की साफ तौर पर उपेक्षा की है।
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