राज ठाकरे और प्रकाश आंबेडकर (फोटो: ANI)
मुंबई. ओबीसी कोटे से मराठा समाज को आरक्षण की मनोज जरांगे की मांग के कारण महाराष्ट्र का सियासी पारा पहले ही चढ़ा हुआ है। ओबीसी और मराठा समाज एक दूसरे के विरोध में खड़ा हो गया है। सोमवार को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे भी इसमें जाने-अनजाने में कूद पड़े। राज्य में रह रहे परप्रांतियों को निशाना बनाने के प्रयास के दौरान राज ने कहा कि महाराष्ट्र में आरक्षण की जरूरत ही नहीं है। उनके इस बयान से वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर का पारा चढ़ गया। आंबेडकर ने ‘टाडा’ कानून की धारा लगा कर राज को जेल में डालने की मांग कर डाली।
विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का ऐलान करने के बाद अब महाराष्ट्र के दौरे पर निकले हैं। इस दौरान आरक्षण के मुद्दे को छेड़कर उन्होंने बेवजह बवाल मोल ले लिया। राज्य में आरक्षण को लेकर मचे बवाल पर अपनी राय व्यक्त करते हुए राज ने कहा था कि महाराष्ट्र में सब कुछ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए यहां आरक्षण की जरूरत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां उपलब्ध धन के संबंध में सही योजना बनाई जानी चाहिए।
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उन्होंने मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर में बन रहे फ्लाईओवर पर सवाल उठाया और कहा कि ये सब राज्य की मूल आबादी के लिए नहीं है, बल्कि बाहर से आने वालों के लिए। हमारा ठाणे जिला देश का एकमात्र जिला है, जिसमें सात से आठ महानगर पालिका है। जनसंख्या के अनुसार ग्राम पंचायत, नगर परिषद, जिला परिषद, नगर निगम और फिर नगर निगम का स्तर बढ़ता जाता है। यदि एक जिले में सात से आठ महानगर पालिकाएं हैं तो क्या ठाणे के लोगों ने इस जनसंख्या को बढ़ाया है? राज ठाकरे ने कहा, बाहर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं, फिर उन शहरों में आने के बाद उनकी व्यवस्था करने के लिए सरकार पैसे खर्च करती है।
उपरोक्त बयान के बारे में पूछे जाने पर आंबेडकर ने सीधे तौर पर राज ठाकरे की गिरफ्तारी की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि राज्य की महायुति सरकार को बिना किसी संकोच के कार्रवाई करने की की हिम्मत दिखानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र के लोग उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में रहते हैं। गुजरात में भी मराठी लोग हैं, उनका क्या करें? राज समाज को बांटने वाले बयान दे रहे हैं। जब समाज बंटता है तो देश बंटता है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और यूएपीए के तहत कार्रवाई की जाए। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
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राज के बयान पर मराठा समाज भी भड़क गया है। मराठों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने सोमवार को धाराशिव के उस होटल में घुसकर राज के खिलाफ नारेबाजी की जहां वे ठहरे थे। बताया जा रहा है कि मराठा आंदोलनकारियों ने पहले राज से मिलने के लिए वक्त मांगा। लेकिन राज ने इनकार कर दिया। जिसके बाद आंदोलनकारी आक्रामक होकर नारेबाजी करने लगे।
मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे ने कहा कि जिन्हें आरक्षण की कोई समझ नहीं है, हम उन लोगों के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं।