अदिति तटकरे व भरत गोगावले (सोर्स- सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में चुनाव खत्म हो गए, नई सरकार का गठन हो गया और जिले के पालक मंत्री भी घोषित हो गए। लेकिन महायुति के अंदर महाभारत अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को इसका एक ताज़ातरीन उदाहरण रायगढ़ जिले से सामने आया है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भरत गोगावले मंगलवार को रायगढ़ जिला योजना एवं विकास समिति (डीपीडीसी) की वार्षिक बैठक में शामिल नहीं हुए। इस ताजा घटनाक्रम से महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना के बीच रायगढ़ के प्रभारी मंत्री के पद को लेकर तकरार फिर सामने आई है। शिवसेना के दो स्थानीय विधायकों ने बैठक में आमंत्रित नहीं किये जाने पर विरोध जताया है।
इससे पहले राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री, राकांपा की अदिति तटकरे को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया था, लेकिन शिवसेना के गोगावले के भी इस पद के लिए इच्छुक होने के कारण निर्णय रोक दिया गया। रायगढ़ दोनों नेताओं का गृह जिला है।
रायगढ़ जिला योजना एवं विकास समिति (डीपीडीसी) की वार्षिक बैठक उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा प्रमुख अजित पवार के ‘मंत्रालय’ स्थित कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गयी। इस बैठक में अदिति तटकरे और कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए। लेकिन, रोजगार गारंटी योजना मंत्री गोगावले इसमें शामिल नहीं हुए।
बैठक में शिवसेना के स्थानीय विधायक महेंद्र दलवी और महेंद्र थोरवे भी शामिल नहीं हुए। महेंद्र दलवी ने कहा, ‘‘हमें कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया। अगर यह रायगढ़ के विकास को लेकर कोई आधिकारिक बैठक थी तो जिलाधिकारी को सभी विधायकों को आमंत्रित करना चाहिए था। हमें इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन लिंक भी नहीं दिया गया।
महाराष्ट्र की अन्य सभी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लेकिन अजित पवार के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि नासिक और रायगढ़ जिलों में वर्तमान में कोई प्रभारी मंत्री नहीं हैं, इसलिए केवल इन जिलों के मंत्रियों को ही आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि यह बजट पूर्व बैठक थी और इसलिए वित्त मंत्री पवार के कार्यालय में आयोजित की गई।